गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि अप्रेल 1995 में जम्मू-कश्मीर में हुए चरार-ए-शरीफ आतंककारी हमले में किसी आतंककारी को जिंदा नहीं छोडा गया। इस मामले में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो बयान आया है, वह देश और सेना का मनोबल गिराने वाला है। मोदी को देश की जनता और सेना से माफी मांगनी चाहिए।विशेष रूप से मोदी के बयान का जवाब देने बुधवार को अहमदाबाद पहुंचे चिदम्बरम ने संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि चरार-ए-शरीफ में मस्तगुल सहित कुछ आतंककारी घुसे थे। सेना ने इन आतंककारियों की तीन सप्ताह तक घेराबंदी रखी, लेकिन पास ही में स्थित लकडी की दूसरी मस्जिद में आतंककारियों ने आग लगा दी। इस कारण कुछ आतंककारी भाग निकलने में सफल रहे। उन्होंने बताया कि इस हमले में सात जवान शहीद हुए थे, लेकिन सरकार ने किसी आतंककारी को न तो छोडा और न ही बचाया। मोदी का बयान सेना और देश का मनोबल गिराने वाला है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
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