राज्य की 26 सीटों के लोकसभा चुनाव में सूरत व अहमदाबाद के प्रत्याशी मतदाताओं के सर्वाधिक निकट हैं, जबकि कच्छ सीट के उम्मीदवारों को मतदाताओं तक पंहुचने के लिए सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पडेगी। जानकारी के अनुसार राज्य की सीमावर्ती कच्छ सीट क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक बडी है। वहां 21 हजार 354 वर्ग किलोमीटर के विस्तार में 13.25 लाख मतदाता हैं। इससे उम्मीदवार प्रतिवर्ग किलोमीटर का दौरा करने के दौरान सिर्फ 62 मतदाताओं से सम्पर्क कर पाएगा, जबकि 598 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली सूरत सीट में 14.20 लाख, बारह सौ तीन वर्ग किलोमीटर के दायरे वाली अहमदाबाद पूर्व में 14.10 लाख व एक सौ सात वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली अहमदाबाद पश्चिम सीट में 14.30 लाख मतदाता हैं। इससे तीनों सीटों के उम्मीदवार प्रतिवर्ग किलोमीटर क्रमश: 2376, 1172 व तेरह हजार 368 मतदाताओं से सम्पर्क कर सकेंगे। इसी प्रकार चौदह सौ 97 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली नवसारी सीट में 16.23 लाख, सत्रह सौ तीस वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली वडोदरा सीट में 15.23 लाख मतदाता हैं। इससे दोनों सीटों के उम्मीदवारों के लिए प्रतिवर्ग किलोमीटर के दौरे के दौरान क्रमश: औसतन1084 व 880 मतदाताओं से सम्पर्क करना संभव होगा। मध्य गुजरात में मशक्कत कम: इसी क्रम में सौराष्ट्र व दक्षिण गुजरात की तुलना में मध्य गुजरात स्थित क्षेत्रों के उम्मीदवारों को मतदाताओं तक पहंुचने के लिए कम मशक्कत करनी पडेगी। इन क्षेत्रों में स्थित 13 हजार चार सौ 34 वर्ग किलोमीटर के दायरे वाली सुरेन्द्रनगर सीट के उम्मीदवार प्रतिवर्ग किलोमीटर का दौरा करके-109, जामनगर-118, अमरेली-144, बनासकांठा-146, पाटण-169, पोरबन्दर-166, साबरकांठा-188, भरूच-184, छोटा उदैपुर-201, जूनागढ-203, बारडोली-225, राजकोट-229, भावनगर-217 व वलसाड के प्रत्याशी प्रतिवर्ग किलोमीटर के दायरे में औसतन 244 मतदाताओं से सम्पर्क करेंगे। जबकि पंचमहाल में 273, दाहोद-271, महेसाणा-341, खेडा-358, आणंद-491 व गांधीनगर के प्रत्याशी प्रतिवर्ग किलोमीटर में औसतन 742 मतदाताओं से सम्पर्क करना संभव होगा।
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