सिकंदराबाद के चोला औद्योगिक एरिया के तहत आने वाले 15 गांवों के किसानों ने बुधवार को लोक सभा चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर डाली। दनकौर के पास सरायदूला गांव में हुई पंचायत में किसानों ने ऐलान किया कि वे किसी भी दल के प्रत्याशी को प्रचार के लिए गांवों में नहीं घुसने देंगे। यूपीएसआईडीसी से जमीन के मुआवजे की दर को लेकर चल रहे विवाद के सुलझ नहीं पाने के कारण किसानों ने यह कदम उठाया है। चोला औद्योगिक किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर सरायदूला गांव में बुधवार को 15 गांवों के किसानों की पंचायत हुई। किसान नेता अजित दौला ने आरोप लगाया कि यूपीएसआईडीसी के अफसर किसानों का शोषण कर रहे हैं। यूपीएसआईडीसी को जमीन देने वाले चोला औद्योगिक एरिया के किसान पिछले दस साल से संघर्ष कर रहे हैं। किसानों की सुध लेने के लिए कोई भी राजनीतिक दल या उनका नेता सामने नहीं आया। उन्होंने बताया कि पंचायत में चोला औद्योगिक एरिया के 15 गांवों के किसानों ने निर्णय लिया है कि वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। साथ ही किसी भी प्रत्याशी को इन 15 गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। पंचायत में गजराज प्रधान, महकार, सुरेंद्र आदि लोग मौजूद थे। दौला ने बताया कि इन गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण होने के लिए यूपीएसआईडीसी वर्ष 1999 में नोटिफिकेशन किया था। उस समय किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा ऑथरिटी के समान मुआवजा और अधिग्रहित जमीन के बदले में पांच प्रतिशत प्लॉट देने की मांग कर आंदोलन चलाया था। यूपीएसआईडीसी को किसानों की बात मानन ली थी। 405 रुपये प्रति वर्ग गज मुआवजा और अधिग्रहित जमीन के बदले में पांच प्रतिशत प्लॉट देने पर सहमति हुई थी। यूपीएसआईडीसी किसानों को अभी तक मुआवजा व प्लॉट नहीं दे सकी है। इस समय ग्रेटर नोएडा ऑथरिटी की मुआवजा दर 850 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि अधिग्रहित जमीन के बदले में 6 प्रतिशत प्लॉट दिया जा रहा है। चोला औद्योगिक एरिया के किसान अब इसी दर व सुविधा पर यूपीएसआईडीसी से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों की इस मांग में कोई भी राजनीतिक दल सहयोग नहीं कर रहा है। लिहाजा किसानों ने ये कदम उठाया है। NBT
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