सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात में 2002 के दौरान हुए दंगों के मामले में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित 64 अन्य राजनेताओं व अधिकारियों की भूमिका की जांच का आदेश दिया है। इनमें 8 पूर्व मंत्री सहित कई आईपीएस व आईएएस शामिल हैं। अदालत ने सीबीआई के पूर्व निदशेक आर.के. राघवन की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) को तीन माह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। जांच दल का गठन सुप्रीम कोर्ट ने ही किया है। न्यायाधीश अरिजीत पसायत और न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली की पीठ ने दंगों के दौरान मारे गए पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया एहसान जाफरी व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। बहुत बडी जीतसुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत बडी जीत है। मानवाधिकारों के लिए लडने वाले लोगों के लिए यह राहत राहत भरा आदेश है। -तीस्ता सीतलवाड, सामाजिक कार्यकर्ता मोदी का विरोध बनी परम्परागुजरात दंगों को लेकर मोदी का विरोध करना परम्परा बन गई है। लेकिन अभी तक किसी भी न्यायालय ने उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। गुजरात दंगों के दस मामलों की जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है, लेकिन मोदी के खिलाफ कोई टिप्पणी तक नहीं की गई है।-अरूण जेटली, भाजपा महासचिवइस्तीफा दें-कांग्रेससुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दंगों की निष्पक्ष सुनवाई की खातिर नरेन्द्र मोदी को अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।-वीरप्पा मोइली, कांग्रेस प्रवक्ता
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