Tuesday, April 21, 2009

लालू प्रसाद यादव को वाणी पर संयम रखने की सलाह

कल तक तुर्रम खां बने फिरते लालू प्रसाद यादव के सितारे गर्दिश में जाते दिख रहे हैं। उन्हें चौतरफा मुसीबतों ने घेर लिया है। पार्टी नेताओं पर ताबडतोड टिप्पणियों से उकताई भाजपा ने भी मंगलवार को निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटा दिया। बाकायदा लालू के चुनावी भाषणों की सीडी और टीवी खबरों की क्लिपिंग के साथ उसने राजद अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। विपक्षी पार्टी ने आयोग से मांग की है कि लालू ने व्यक्तिगत और अपमानजनक टिप्पणियां कर जनता की भावनाएं भडकाने का काम किया है जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।उनके खिलाफ भी रासुका लगाया जाए। बिहार की चुनावी सभाओं में लालू के भाषणों का हवाला देते हुए भाजपा ने लिखा है कि रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री पद पर राजग के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी को न सिर्फ पाकिस्तानी कहा बल्कि मूलत: उनके हिन्दू होने पर भी सवालिया निशान लगाया है। इतना ही नहीं व्यक्तिगत आक्षेप की हर सीमा को लांघते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी व बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बीच साले-बहनोई का रिश्ता स्थापित करने जैसी अनर्गल बातें कहीं जो कि निहायत ही अपमानजनक हैं। चुनावी सभाओं में लालू ने सिर्फ वोट जुटाने की खातिर ऎसे बयान दिए जिससे लोग भडक भी सकते थे। उन्होंने ओछे राजनीतिक स्वार्थ के लिए सामाजिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने का काम किया लिहाजा उन पर भी रासुका लगाया जाना चाहिए।भाजपा ने उम्मीद जताई है कि आयोग उसकी शिकायत को गंभीरता से लेकर लालू के खिलाफ त्वरित और कडी कार्रवाई करेगा। उसने मांग की है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें प्रचार से दूर रखना चाहिए। ऎसा कर आयोग सभी राजनीतिक दलों को लिखे अपने उस पत्र को प्रामाणिक करेगा जिसमें चुनाव मैदान में वाणी पर संयम रखने की सलाह दी गई है।

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