राजसमंद लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लडने की घोषणा करने वाले फिल्म निर्माता के. सी. बोकाडिया ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले ही मैदान छोड दिया। उनके मैदान छोडने का कारण बसपा की ओर से जाट प्रत्याशी को मैदान में उतारना माना जा रहा है। बोकाडिया को गुरूवार को राजसमंद क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करना प्रस्तावित था, लेकिन उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। उन्होंने गुरूवार सुबह चुनाव नहीं लडने का मानस बनाते हुए समर्थकों से माफी मांगते हुए कहा कि अब चुनाव लडना उचित नहीं रहेगा।जानकारों के अनुसार बोकाडिया जाट मतों के सहारे चुनाव वैतरणी पार करने का मानस बना रहे थे। लेकिन 14 अप्रेल को जयपुर में आम सभा के दौरान बसपा ने राजसमंद संसदीय क्षेत्र के चुनाव में जाट वर्ग से नीरू कापडी को प्रत्याशी बना दिया। इससे बोकाडिया को जाट वर्ग का पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद धूमिल होती नजर आई। उन्होंने समर्थकों के साथ बैठकें कर राय-मशविरा किया। समर्थकों ने उन्हें बताया कि बसपा प्रत्याशी के कारण जाट "वोट बैैंक" में विभाजन की संभावना है। ऎसे में अब चुनाव लडने का औचित्य नहीं है। बोकाडिया ने किसी भी प्रत्याशी या पार्टी को समर्थन देने की घोषणा नहीं की है।उम्मीदें धराशायी, समर्थक मायूसबोकाडिया के राजसमंद क्षेत्र से चुनाव लडने की घोषणा के बाद ब्यावर, मेडता व डेगाना सहित अन्य क्षेत्र के लोगों ने कई उम्मीदें संजो ली थीं। उन्होंने इन क्षेत्रों में दौरे कर कार्यकर्ताओ की बैठकें भी लीं। उनकी जन्मभूमि मेडता तथा रिश्तों की डोर से बंधे ब्यावर के उनके सम्पर्क सूत्रों ने भी कयास लगाए कि यदि बोकाडिया चुनाव लडेंगे तो किस तरह के समीकरण बनेंगे। लेकिन सब कयास बोकाडिया के मैदान छोडने से हवा हो गए।समर्थकों को इस बात की भी खुशी थी कि आगामी दिनों में उनके समर्थन वाली आम सभाओं में फिल्मी सितारों से मिलने का मौका मिलेगा। उनके समर्थक राजेश बालिया, सुधीरसिंह तोमर, उम्मेद शर्मा, मदन राठौड, नन्दकिशोर, औंकारसिंह बगतपुरा व अभयसिंह आदि ने बताया कि इस फैसले से मायूसी हाथ लगी है। इनका कहना हैमेरा वोट बैंक मेडता व डेगाना क्षेत्र के जाट बाहुल्य मतों का था। बसपा प्रत्याशी के मैदान में उतरने से समीकरण गडबडाने की आशंका पर समर्थकों की राय से ही मानस टाल दिया।- के.सी. बोकाडिया, फिल्म निर्माता
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