दिल्ली की सात सीटों पर फतह पाने के लिए उम्मीदवार जिस तरह पैसा बहा रहे
हैं वह विज्ञापन वॉर से झलक रहा है। कुछ ऐसे उम्मीदवार भी हैं जिन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति शून्य बताई तो 603 करोड़ की संपत्ति के मालिक भी चुनाव मैदान में हैं। यहां 7 मई को पोलिंग होनी है। नैशनल इलेक्शन वॉच ने 160 उम्मीदवारों में से 158 के हलफनामों का विश्लेषण कर पाया कि इस चुनाव में मनी पावर बढ़ी है। संसद तक पहुंचने की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों में 33 करोड़पति हैं। इस मामले में कांग्रेस सबसे आगे है। कांग्रेस के सातों उम्मीदवारों की संपत्ति करोड़ों में है। बीएसपी और बीजेपी के 5-5 उम्मीदवार करोड़पति हैं। असोसिएशन फॉर डेमॉक्रेटिक रिफॉर्म्स के नैशनल कनवीनर अनिल बेरवाल ने बताया कि 2004 के चुनाव में कुल उम्मीदवारों में 9 फीसदी करोड़पति थे जो इस बार बढ़कर 28 फीसदी हो गए हैं। पिछली बार का चुनाव लड़ने वाले 10 नेता इस बार भी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें सबसे कम इजाफा कांग्रेस के अजय माकन की संपत्ति में हुआ है। सबसे अधिक नई दिल्ली से चुनाव लड़ रहे वेद प्रकाश की संपत्ति बढ़ी है। सियासी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति जीरो बताई है। चार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 20 हजार से कम है। 42 फीसदी उम्मीदवारों ने हलफनामे में पैन कार्ड डिटेल नहीं दी है। कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी के सभी उम्मीदवारों ने परमानेंट अकाउंट नंबर की जानकारी दी है लेकिन एसपी के 7 में से 3 ने इसका जिक्र नहीं किया है। दिल्ली से संसद तक पहुंचने का सपना देखने वाले उम्मीदवारों में
20 यानी 13 फीसदी क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं। बीजेपी के 4, बीएसपी के 3 व कांग्रेस के एक उम्मीदवार पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 7 उम्मीदवारों पर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं। दिल्ली की सात में से चार संसदीय सीटों को नैशनल इलेक्शल वॉच ने रेल अलर्ट क्षेत्र माना है क्योंकि यहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक रेकॉर्ड के हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, नई दिल्ली से 4-4 उम्मीदवार और चांदनी चौक से 3 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनका क्रिमिनल बैकग्राउंड है। NBT
हैं वह विज्ञापन वॉर से झलक रहा है। कुछ ऐसे उम्मीदवार भी हैं जिन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति शून्य बताई तो 603 करोड़ की संपत्ति के मालिक भी चुनाव मैदान में हैं। यहां 7 मई को पोलिंग होनी है। नैशनल इलेक्शन वॉच ने 160 उम्मीदवारों में से 158 के हलफनामों का विश्लेषण कर पाया कि इस चुनाव में मनी पावर बढ़ी है। संसद तक पहुंचने की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों में 33 करोड़पति हैं। इस मामले में कांग्रेस सबसे आगे है। कांग्रेस के सातों उम्मीदवारों की संपत्ति करोड़ों में है। बीएसपी और बीजेपी के 5-5 उम्मीदवार करोड़पति हैं। असोसिएशन फॉर डेमॉक्रेटिक रिफॉर्म्स के नैशनल कनवीनर अनिल बेरवाल ने बताया कि 2004 के चुनाव में कुल उम्मीदवारों में 9 फीसदी करोड़पति थे जो इस बार बढ़कर 28 फीसदी हो गए हैं। पिछली बार का चुनाव लड़ने वाले 10 नेता इस बार भी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें सबसे कम इजाफा कांग्रेस के अजय माकन की संपत्ति में हुआ है। सबसे अधिक नई दिल्ली से चुनाव लड़ रहे वेद प्रकाश की संपत्ति बढ़ी है। सियासी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति जीरो बताई है। चार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 20 हजार से कम है। 42 फीसदी उम्मीदवारों ने हलफनामे में पैन कार्ड डिटेल नहीं दी है। कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी के सभी उम्मीदवारों ने परमानेंट अकाउंट नंबर की जानकारी दी है लेकिन एसपी के 7 में से 3 ने इसका जिक्र नहीं किया है। दिल्ली से संसद तक पहुंचने का सपना देखने वाले उम्मीदवारों में
20 यानी 13 फीसदी क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं। बीजेपी के 4, बीएसपी के 3 व कांग्रेस के एक उम्मीदवार पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 7 उम्मीदवारों पर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं। दिल्ली की सात में से चार संसदीय सीटों को नैशनल इलेक्शल वॉच ने रेल अलर्ट क्षेत्र माना है क्योंकि यहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक रेकॉर्ड के हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, नई दिल्ली से 4-4 उम्मीदवार और चांदनी चौक से 3 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनका क्रिमिनल बैकग्राउंड है। NBT
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