लोकसभा चुनावों के परिणाम भले ही 16 मई को आएंगे लेकिन प्रधानमंत्री पद को लेकर मचे घमासान से कांग्रेस फिलहाल चिंतित नहीं है। कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त है कि अगली सरकार उनकी अगुवाई में ही बनेगी और मनमोहन सिंह ही अगले प्रधानमंत्री होंगे। कांग्रेस को तो यहां तक भरोसा है कि वामदलों के समर्थन की शायद जरूरत ही न पडे। इसके बाद भी यदि ऎसा कुछ होता है तो परिणाम आने के बाद सब मैनेज कर लिया जाएगा। कांग्रेस का भरोसा यही जता रहा है कि इस बार वह पिछली बार के मुकाबले अधिक सीटें जीत कर सहयोगियों को अपने हिसाब से एडजस्ट कर लेगी। कांग्रेस के रणनीतिकार मान रहे हैं कि केरल और पश्चिम बंगाल में इस बार पासा पूरी तरह से पलट जाएगा। कांग्रेस दोनों राज्यों में सबसे अधिक सीटें जीत वामदलों को पछाड देगी। इसके बाद आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में यदि थोडी बहुत सीटें घटी तो कर्नाटक और उडीसा से भरपाई हो जाएगी। बाकी उत्तर भारत में कांग्रेस की सीटों में बदलाव आएगा। राजद की सीटें घटेंगी और लोजपा के पास कोई चारा नहीं होगा। समाजवादी पार्टी के साथ फिलहाल संबंध खराब होते दिख नहीं रहे हैं। ऎसे में कांग्रेस को लग रहा है कि संप्रग में उसका वर्चस्व हर हाल में बढेगा। इसके चलते राकांपा भी प्रधानमंत्री के मुद्दे पर कांग्रेस का साथ देगी। प्रधानमंत्री पद को लेकर यूं तो खींचतान चुनाव पूर्व ही शुरू हो गई थी लेकिन दूसरे चरण के चुनाव आने तक मामला बढ गया। संप्रग के घटक दल राजद, सपा और राकांपा अलग-अलग राग अलापने लगे। हालांकि लोजपा ने इस मामले में मनमोहन का ही साथ दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी कहते हैं कि 16 मई तो आने दीजिए उसके बाद सब कुछ साफ हो जाएगा। परिणाम अपने आप ही बता देंगे कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह होंगे। संप्रग के प्रधानमंत्री आज भी हैं कल भी रहेंगे इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। कांग्रेस उन्हें पहले ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इस पद को लेकर किसी भी दल में भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
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