वाकया विंध्य क्षेत्र का है। चुनावी अभियान पर निकले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्वागत के लिए कंधे पर पेट्रोमैक्स लेकर पलक-पांवडे बिछाए ग्रामीण सडक पर इंतजार कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें निराश नहीं किया, तुरंत गाडी रूकवाई और शामिल हो गए रोड शो के उस चुनावी कार्यक्रम में। वे ग्रामीणों से घिरे हुए कुछ दूर पैदल गए और पेट्रोमैक्स की रोशनी में ही चुनावी सभा को सम्बोधित करने लगे। यह किसी एक गांव का वाकया नहीं है, बल्कि दिन भर में दर्जनों स्थानों पर मुख्यमंत्री सुरक्षा की लक्ष्मण रेखा को पार कर आम जनता के बीच पहुंच जाते हैं। मुख्यमंत्री सुरक्षा की परवाह किए बिना इस आम चुनाव में भाजपा के लिए एक-एक वोट जुगाडने में जुटे हुए हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि 11 राज्यों के मुख्यमंत्री आतंकियों के निशाने पर हैं। इस फेहरिस्त में चौहान का नाम भी शामिल है। रीवा संसदीय क्षेत्र के ग्राम लटकरी में रात आठ बजे भारी तादाद में सिर पर कलश लिए महिलाएं और ग्रामीण सीएम का इंतजार कर रहे थे। पर्याप्त रोशनी नहीं होने के बावजूद सीएम भीड में जा पहुंचे। बहती, मऊगंज, देवतालाब पन्नी में भी ऎसा ही वाकया हुआ। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों को भारी मशक्कत करनी पडी। सुरक्षाकर्मियों द्वारा ग्र्रामीणों को नियंत्रित करने के दौरान भी सीएम द्वारा रोक-टोक की जाती है, जिससे सुरक्षा का खतरा और बढ रहा है।मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान लोक पुलिस द्वारा कारकेट में तैनात पुलिसकर्मी रिहर्सल के अभाव में गलतियां कर बैठते हैं। शनिवार को बढेरा से रीवा जाते समय कारकेट का पहला वाहन गलत मार्ग पर मुड गया। ऎसी स्थिति में दुर्घटना की आशंका बढ जाती है। रविवार को भोपाल में इसी कारकेट का एक वाहन खराब हो गया।
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