प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए माकपा महासचिव प्रकाश कारत ने कहा है कि वामपंथी दल चुनाव बाद लोकसभा के सदस्य को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड से बाहर करते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव के बाद तीसरे मोर्चे की मिली जुली सरकार बनने पर भी वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं होंगे। प्रकाश कारत ने रविवार को एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, हम राज्यसभा के सदस्यों को प्रधानमंत्री के रूप में देख चुके हैं। लेकिन इस बार हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि लोकसभा का कोई नेता ही देश का प्रधानमंत्री बने। कारत ने कहा कि वामदल तीसरे मोर्चे की सरकार में शामिल हो सकते हैं, लेकिन वामदल प्रधानमंत्री पद के लिए न तो चुनाव के पहले और न ही बाद में किसी उम्मीदवार को रखेंगे। तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार का फैसला भी चुनाव के परिणाम आने के बाद ही किया जाएगा। उन्होंने कहा, तीसरे मोर्चे में अभी बसपा ही ऎसी पार्टी है जिसने प्रधानमंत्री पद के लिए अपने नेता की दावेदारी जताई है। चन्द्रबाबू नायडू, एच. डी. देवेगौडा और जयललिता में से किसी ने भी प्रधानमंत्री पद का दावेदार होने के बारे में कोई संकेत अब तक नहीं दिया है।
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