नए मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर मंगलवार को कार्यभार ग्रहण करते हुए नवीन चावला ने कहा कि वह और अन्य दो चुनाव आयुक्त बराबर हैं और मुख्य चुनाव आयुक्त इनमें प्रथम भर है। चावला ने कहा कि उन्होंने एन गोपालस्वामी का स्थान लिया है जो सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में चावला ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने टीएन शेषन मामले में कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त बराबर वालों में प्रथम हैं, लेकिन हम बराबर हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हम आपके सामने एक साथ हैं। अलग-अलग व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि तीनों एक साथ हैं। हमारे सभी फैसलों को संयुक्त रूप में लिया जाए।संवाददाता सम्मेलन में चावला के साथ अन्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और वी.एस. संपत भी थे। संपत ने मंगलवार को ही चुनाव आयुक्त के रूप में अपना कार्यभार सम्भाला है। चावला ने पत्रकारों के साथ बातचीत की शुरूआत करते हुए अपने इस वायदे को दोहराया कि वह संविधान की भावना का अक्षरश: अनुसरण करेंगे। तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में 64 वर्षीय चावला अगले साल 29 जून तक इस पद पर बने रहेंगे। चावला ऎसे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, जो पांच चरणों वाले लोकसभा चुनाव के बीचोंबीच इस पद पर आए हैं और वह चुनाव के शेष बचे चार चरणों की निगरानी करेंगे। चावला 13 मई 2005 को चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए थे। चावला ने कहा कि वह आयोग की बागडोर ऎसे समय में संभाल रहे हैं जब देश में चुनाव चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों के संचालन के लिए जीतने और हारने वाली दोनों ही पार्टियां चुनाव आयोग के पास आकर उसका धन्यवाद करती हैं, इससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता का पता चलता है। यही नहीं इससे स्वतंत्रता और पारदर्शिता भी झलकती है। अलबत्ता विरोध के कुछ स्वर हमेशा ही रहते हैं। मेरा मानना है कि विरोध उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना समर्थन। चावला ने यह भी कहा कि विरोध के स्वरों से आयोग को कुछ सीखने की गुंजाइश रहती है। हम हर विरोध को गंभीरता से लेते हैं और इस तरह के मामले से हम चिन्तित नहीं होते। युवाओं और शहरी वोटरों से भारी संख्या में आकर मतदान करने और लोकतंत्र को वास्तविक अर्थ में कारगर बनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय आयोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि चुनाव निर्बाध हों। चावला ने फोटो मतदाता पहचान पत्र के दायरे को बढाने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी की सराहना की।
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