पार्टी मेरी मां है और मां को कोई छोडता है क्या। बाहरी दिल्ली के कद्दावर नेता रहे दिवंगत साहिबसिंह वर्मा के पुत्र प्रवेश वर्मा ने यह कहकर भाजपा से रूठने और कांग्रेस में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया। यही नहीं राजस्थान के लिए भाजपा की ओर से चार सीटों के लिए नाम तय करने की कवायद के बीच प्रवेश ने यह भी संकेत दे दिया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आदेश होगा तो वे दिल्ली के बाहर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में से कहीं भी जाने को भी तैयार हैं। सोमवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन दक्षिण दिल्ली संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी रमेश विधुडी की ओर से बुलाया गया था, लेकिन मीडियाकर्मियों की भीड प्रवेश को सुनने को उत्सुक थी। उत्साह से लबरेज प्रवेश के बयान से यह अंदाज लगाना कठिन नहीं लग रहा था कि पार्टी की ओर से उन्हें किसी बेहतर विकल्प का ऑफर मिला है। इसकी पुष्टि तब और गहरा गई कि जब प्रवेश ने कहा कि पार्टी के समर्पित सिपाही के नाते उन्हें जहां भेजा जाएगा, वे पूरी निष्ठा, ताकत और समर्पण के साथ वहां कार्य करेंगे। यह पूछने पर कि क्या उन्हें पार्टी से आश्वासन मिला है, प्रवेश का जवाब था कि न तो उन्हें पार्टी की ओर से किसी आश्वासन की जरूरत है न ही पार्टी को। समर्थकों की ओर से पिछले दिनों शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी के घर पर विरोध प्रदर्शन के सवाल पर प्रवेश का जवाब था कि अव्वल तो उसकी उसे पूर्व में जानकारी नहीं थी। प्रवेश ने छोडो कल की बातें, कल की बात पुरानी। नए दौर में लिखेंगे हम मिलकर नई कहानी, मुखडे को गाकर प्रकरण को विराम देने की कोशिश की। एक सवाल के जवाब में प्रवेश ने यह भी कहा कि वे रूठे नहीं तो उनके समर्थन भी अब रूठे नहीं रहेंगे। प्रवेश ने बाहरी दिल्ली में भाजपा की लोकप्रियता का खम ठोकते हुए दावा किया कि परिसीमन के बाद इस क्षेत्र से निकली चार सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीत हासिल करेंगे। प्रवेश ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की लहर चल रही और आने वाले चुनावों में यह साफ हो जाएगा।
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