आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएसआर राजशेखर रेड्डी के निधन के एक माह बाद लग रहा है कि उनके बेटे जगनमोहन के हाथ से सीएम का ताज फिसल गया है। इसके लिए जगन समर्थक वे कांग्रेसी नेता भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं, जो दो सितंबर को वाईएसआर के निधन के बाद से ही जगन को मुख्यमंत्री बनाने की लगातार मांग करते आ रहे हैं। जगन कैंप के एक युवा विधायक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि समर्थकों ने जरूरत से ज्यादा उत्साह दिखाया। उनके अभियान ने जगन का भला नहीं किया, बल्कि कांग्रेस हाईकमान को सख्त रवैया अपनाने पर मजबूर कर दिया।’ अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘पार्टी आलाकमान फिलहाल कुछ राज्यों में चुनाव में व्यस्त है। आंध्रप्रदेश में पहले ही एक मुख्यमंत्री है और उन्हें हटाने के लिए कुछ तो वजह होनी चाहिए।’जगन समर्थकों ने हेलीकॉप्टर हादसे में वाईएसआर की मौत के फौरन बाद से अभियान शुरू कर दिया था। उन्होंने उन सभी मंत्रियों, विधायकों के दस्तखत ले लिए, जो वाईएसआर को श्रद्धांजलि देने आए थे। एक विधायक के शंकर राव ने बताया, ‘उन्होंने मुझसे एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए, जबकि उस वक्त मैं सदमे में था।’ बैनर फाड़ने से बिगड़ा मामला : पार्टी के सदस्यता अभियान को प्रभावित करने के अलावा जगन समर्थकों ने खम्मम में सोनिया गांधी का पोस्टर फाड़ दिया था। जगन समर्थकों ने इस घटना के लिए कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को जिम्मेदार बताया था।
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