कई दिनों के वायदे को आखिरकार पूरा करते हुए प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने गुरुवार को महंगाई पर सरकार की बखिया उधेड़ी। प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में आसमान छूते अनाज के दाम की वजह खाद्यान्न की कमी नहीं, बल्कि सरकार का कुप्रबंधन है।
प्रसाद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मांग की है कि वह इस मसले पर सरकार की नीति साफ करें और यह बताएं कि एक कुशल अर्थशास्त्री होते हुए भी महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगा पाए। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि पहले तो वह महंगाई जैसे अहम मसले पर सरकार को चिट्ठी लिखा करती थीं, मगर इस बार ऐसा क्यों नहीं किया। प्रसाद ने सवाल किया कि क्या अब सोनिया गांधी भी सरकार के रवैए से हताश हो चुकी हैं।
अपने आरोपों का वजन बढ़ाने के लिए प्रसाद ने कई आंकड़ें पेश किए जिसमें एनडीए सरकार के दौरान अनाज के दाम के साथ 2008 और मौजूदा दामों की तुलना शामिल है। कुप्रबंधन के आरोप को विस्तार से समझाते हुए प्रसाद ने कहा कि कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार व अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने खुद माना है कि सरकारी भंडारों में अनाज की कोई कमी नहीं है। फिर आसमान छूते दाम की वजह क्या है? भाजपा का मानना है सरकार निर्यातकों की खास लॉबी के हाथों खेल रही है और आयात-निर्यात की नीति उन्हीं के कहने पर तय की जा रही है। रविशंकर प्रसाद की मानें तो यही लॉबी बढ़ती कीमतों के लिए जिम्मेदार है।
प्रसाद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मांग की है कि वह इस मसले पर सरकार की नीति साफ करें और यह बताएं कि एक कुशल अर्थशास्त्री होते हुए भी महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगा पाए। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि पहले तो वह महंगाई जैसे अहम मसले पर सरकार को चिट्ठी लिखा करती थीं, मगर इस बार ऐसा क्यों नहीं किया। प्रसाद ने सवाल किया कि क्या अब सोनिया गांधी भी सरकार के रवैए से हताश हो चुकी हैं।
अपने आरोपों का वजन बढ़ाने के लिए प्रसाद ने कई आंकड़ें पेश किए जिसमें एनडीए सरकार के दौरान अनाज के दाम के साथ 2008 और मौजूदा दामों की तुलना शामिल है। कुप्रबंधन के आरोप को विस्तार से समझाते हुए प्रसाद ने कहा कि कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार व अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने खुद माना है कि सरकारी भंडारों में अनाज की कोई कमी नहीं है। फिर आसमान छूते दाम की वजह क्या है? भाजपा का मानना है सरकार निर्यातकों की खास लॉबी के हाथों खेल रही है और आयात-निर्यात की नीति उन्हीं के कहने पर तय की जा रही है। रविशंकर प्रसाद की मानें तो यही लॉबी बढ़ती कीमतों के लिए जिम्मेदार है।
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