इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला ने लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार के लिए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की सोच रहे आडवाणी यदि यही विचार चार साल पहले कर लेते तो केंद्रीय स्तर पर भाजपा और हरियाणा में इनेलो का बुरा हश्र न होता।
चौटाला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने मनमोहन सिंह के मुकाबले आडवाणी को पूरी तरह नकार दिया। इसका खामियाजा भाजपा के सहयोगी होने के नाते इनेलो को भी उठाना पड़ा। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला ने आरोप लगाया कि आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा ने हमेशा अपने सहयोगियों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई और इसी सोच के चलते एनडीए बिखरता चला गया।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से अपना गठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनेलो को इससे नुकसान के बजाय लाभ ही होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में मुकाबला कांग्रेस-इनेलो व हुड्डा-चौटाला के बीच है, जिसमें उन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरत हुई तो उनकी पार्टी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा समेत किसी भी समान विचारधारा वाले दल का सहयोग लेने से नहीं कतराएगी। चौटाला ने कहा कि वे राजनीति में किसी भी दल को अछूत नहीं मानते।
चौटाला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने मनमोहन सिंह के मुकाबले आडवाणी को पूरी तरह नकार दिया। इसका खामियाजा भाजपा के सहयोगी होने के नाते इनेलो को भी उठाना पड़ा। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला ने आरोप लगाया कि आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा ने हमेशा अपने सहयोगियों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई और इसी सोच के चलते एनडीए बिखरता चला गया।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से अपना गठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनेलो को इससे नुकसान के बजाय लाभ ही होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में मुकाबला कांग्रेस-इनेलो व हुड्डा-चौटाला के बीच है, जिसमें उन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरत हुई तो उनकी पार्टी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा समेत किसी भी समान विचारधारा वाले दल का सहयोग लेने से नहीं कतराएगी। चौटाला ने कहा कि वे राजनीति में किसी भी दल को अछूत नहीं मानते।
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