Monday, February 2, 2009

चुनाव से ठीक पहले भाजपा के दो पूर्व मंत्री विजय गोयल और राजीव प्रताप रूड़ी एक-दूसरे से भिड़ गए

भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भावी प्रधानमंत्री का दावा करने वाले लाल कृष्ण आडवाणी के खेमे आमने सामने आ गए हैं। इन खेमों का नेतृत्व अटल जी की ओर से विजय गोयल कर रहे हैं तो आडवाणी की ओर से राजीव प्रताप रूड़ी सामने हैं।असली लड़ाई कास्टीट्यूशन क्लब पर नियंत्रण को लेकर हे। सांसदों के इस क्लब के सात सौ से ज्यादा सदस्य हैं और इसके मतदाताओं में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी सहित सभी सांसद हैं। इसी क्लब में खुद लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी काफी समय तक रहते रहे। विजय गोयल की नाराजी यह है कि रूड़ी ने अपने पैनल का मुखिया एक वामपंथी को बनाया है। रूड़ी का कहना है कि वे जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे है और अगर विजय गोयल चाहे तो उनके पैनल में शामिल हो सकते हैं।लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के दो पूर्व मंत्री विजय गोयल और राजीव प्रताप रूड़ी एक-दूसरे से भिड़ गए हैं। पहला झटका रूड़ी ने दिया है जिससे गोयल उनके खिलाफ और आक्रामक होकर लग गए हैं। शीर्ष नेतृत्व दोनों नेताओं की जोर आजमाइश पर नजर टिकाए बैठा है।कंस्टीटयूशन क्लब का पहला चुनाव दिलचस्प इसलिए हो गया है क्योंकि यहां भाजपा के दो नेता ही आपस में भिड़ गए हैं। रूड़ी के पैनल के खिलाफ विजय गोयल ने अपना पैनल उतार दिया है।गोयल कंस्टीटयूशन क्लब पर भी भगवा फहराना चाह रहे हैं जबकि रूड़ी इस क्लब को पार्टी लाइन से दूर रखना चाहते हैं। इसलिए रूड़ी के पैनल में विभिन्ना राजनीतिक विचारधारा वाले लोगों को शामिल किया गया है। इस चुनाव के लिए वोट करने वाले 600 से अधिक सदस्य खास हैं क्योंकि इसमें लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक वोटर की भूमिका में हैं। जानकारी के मुताबिक क्लब के दो पद सचिव (प्रशासन) और ट्रेजरर अति महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अंतिम फैसला इन दोनों की सहमति के बिना नहीं हो सकता है। राजीव प्रताप रूड़ी ने सचिव प्रशासन के लिए पर्चा दाखिल किया था। सूत्रों का कहना है कि रूड़ी ने अपने पैनल में विजय गोयल का नाम शामिल नहीं किया इसलिए उन्होंने रूड़ी के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। बताया गया है कि शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप से गोयल ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और रूड़ी इस पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए। इससे आहत विजय गोयल ने ट्रेजरर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी। रूड़ी के पैनल में इस पद के लिए वामपंथी विचारधारा के हन्नान मुल्ला उम्मीदवार हैं। गोयल चाह रहे थे कि रूड़ी अपने पैनल में हन्नान मुल्ला की जगह उन्हें शामिल करें लेकिन, रूड़ी इसके लिए राजी नहीं हुए। चुनाव तीन फरवरी को है और रिजल्ट चार फरवरी को।

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