पुड्डूचेरी के उपराज्यपाल गोविन्दसिंह गुर्जर का सोमवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। गुर्दे की बीमारी के चलते उन्हें कुछ दिन पूर्व के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अपोलो अस्पताल में उन्होंने सोमवार सुबह सवा पांच बजे अंतिम सांस ली। सेना के हैलीकॉप्टर से उनका शव सोमवार शाम पांच बजे नसीराबाद पहुंचा। सन् 1951 में छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले "बाबा" के नाम से लोकप्रिय गुर्जर सन् 1980 से लगातार कांग्रेस के टिकट पर नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडकर जीतते रहे। सन् 2008 में पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल बनाए जाने तक वे राजस्थान विधानसभा में नसीराबाद का प्रतिनिघित्व करते रहे।गुर्जर का जन्म कोटा के हाडौती क्षेत्र में 9 मार्च 1932 को ओकारलाल गुर्जर के यहां हुआ। उसके पिता ओंकारलाल रेलवे में ट्रेन क्लर्क थे। गुर्जर का प्रारंभिक जीवन अभावों में गुजरा। अल्पायु में माता-पिता का साया उठ जाने से उनके मामा गोगराज गुर्जर ने नसीराबाद में उनका लालन-पालन किया। सन् 1952 में उन्होंने नसीराबाद व्यापारिक स्कूल से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा सन् 1953 में उनका विवाह कमलेश गुर्जर के साथ सम्पन्न हुआ। गुर्जर ने सन् 1953 से 1964 तक रेलवे में नौकरी की। सन् 1964 में अजमेर के राजकीय महाविद्यालय से वकालत की डिग्री लेकर नसीराबाद में वकालत शुरू की। गुर्जर ने पहली बार सन् 1964 में अपने गृह वार्ड से छावनी परिषद का चुनाव जीता और छावनी परिषद में उपाध्यक्ष बने। इसके बाद वे राजनीति के पायदान पर चढते चले गए। इस दौरान उन्होंने तांगा यूनियन, हमाल यूनियन, ठेला यूनियन व अन्य संस्थाओं का नेतृत्व किया और 1975 में आपातकाल के दौरान नसीराबाद में कांगे्रस संगठन का कार्य संभाला। गुर्जर को सन् 1977 में कांग्रेस का टिकट मिला और वे जनता पार्टी की लहर में जनता पार्टी प्रत्याशी भंवरलाल ऎरन से मात्र 200 वोटों के अंतराल से चुनाव हार गए। सन् 1980 के विधानसभा चुनावों में वे राजस्थान विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। सन् 1981 में शिवचरण माथुर सरकार में वे गृह रज्च्यमंत्री बने। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में सन् 1981 से 1985,1988 से 1990 व 2002 से 2004 तक मंत्री परिषद में विभिन्न पदों पर रहे। गुर्जर इस बीच वन, गृहरज्च्य, कृषि व पंचायतीराज, आबकारी विभागों का प्रतिनिघित्व कर चुके हैं। गुर्जर को सन् 2008 में केंद्र सरकार ने पुड्डूचेरी का उपरज्च्यपाल नियुक्त किया। गुर्जर अपने राजनीतिक जीवन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हाराव, राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा, ज्ञानी जैलसिंह सहित अनेक नेताओं के सम्पर्क में रहे। गुर्जर ने अपनी कोई संतान नहीं होने से अपने ममेरे भाई रामनारायण गुर्जर के पुत्र सुनील गुर्जर को सामाजिक रस्मो-रिवाज के अनुसार गोद लेकर उसका विवाह आदि सम्पन्न कराया।
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