केन्द्रीय सहायता और बिजली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच पत्र व्यवहार कर चुनौती देने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सिंह ने मुख्यमंत्री को एक और चिट्ठी लिखकर कहा है कि बिजली पर उन्होंने कभी राजनीति का प्रयास नहीं किया। सोमवार को मीडिया को उपलब्ध कराए गए इस पत्र में कांग्रेस महासचिव का कहना है कि उन्होंने सदैव प्रदेश के हित में राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठ कर कार्य किया है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और अन्य केंद्रीय विभागों के प्रमुखों के साथ राज्य की विकास संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर वह चर्चा करते रहे हैं। सिंह का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में 9 सवाल उठाए थे, पर उनके समाधानकारक उत्तर नहीं मिले। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पिछले पांच साल में एक भी नवीन ग्राम को विद्युतीकृत ग्राम की श्रेणी में नहीं ला सकी है। भाजपा के कार्यकाल में 2007-08 में 2647.5 मेगावाट की क्षमता वाले विद्युतगृहों से 12936.9 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ, जबकि 2002-03 में कांग्रेस के शासनकाल में 2147.5 मेगावाट उत्पादन क्षमता के बावजूद 13680.9 मिलियन उत्पादन हुआ। सिंह ने कहा कि तथ्यों से यह भी स्पष्ट होता है कि विद्युतगृहों के रखरखाव के भाजपा सरकार के दावों में भी दम नहीं है, क्योंकि उसके बाद भी उत्पादन लगातार घटा है।
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