Saturday, October 3, 2009

बिन बुलाए आया हूं: वीरभद्र

प्रदेश की धूमल सरकार अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेरे संसदीय क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा शुरू हुआ और मुझे निमंत्रण पत्र तक नहीं भेजा गया है।

यह बात केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को शाढ़ावाई स्थित विश्राम गृह में पत्रकारों के साथ बाचतीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं जिस कारण मुझे बिना निमंत्रण के भी इस धार्मिक पर्व में आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि धूमल सरकार ने पुलिस और विजिलेंस को अपना बंधक बनाकर रखा है और वह इसका प्रयोग विरोधियों के लिए कर रहे हैं और उन पर झूठे मामले बनाकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश विजिलेंस के डीजीपी अपने अधिकार क्षेत्र से आगे धूमल के एजेंट बने हुए हैं और उन्होंने विजिलेंस की निष्पक्षता व विश्वसनीयता को दागदार किया है।

उन्होंने कहा कि जहां कार्रवाई करनी चाहिए वहां नहीं होती व हाल ही में शिमला में कॉर्लगर्ल मामले को दबाकर दोषी व्यक्ति को क्लीन चिट दे दी गई। वीरभद्र ने कहा कि यह पहला मौका है कि एक सप्ताह के अंदर विजिलेंस ने मामले को हल कर दोषी को क्लीन चिट दी है।

अपने विभाग के बारे में वीरभद्र ने कहा कि सरकार ने स्टील की कीमतें बढ़ने नहीं दी है क्योंकि स्टील का इस्तेमाल आम आदमी करता है। उन्होंने कहा कि हमने पनामा में सेंक्युरी एरिया के कारण बंद पड़ी हीरे की खान को पुन: चालू करवाया है तथा निजी क्षेत्र में स्टील को बढ़ावा देने के लिए 72 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

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