Saturday, October 3, 2009

नौकरशाही ने दबाई आवाज

नागौर ने शुक्रवार को 50 साल बाद एक बार फिर पंचायतीराज को मजबूत करने का संकल्प लिया। इस बार भी इसकी गवाह नेहरू खानदान की बहू और कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी बनीं। सोनिया ने शुक्रवार को बी.आर. मिर्धा कॉलेज के उसी मैदान पर पंचायतीराज सशक्तीकरण का दीप जलाया, जहां 1959 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायतराज की नींव का दीप जलाया था।पंचायतीराज की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले 50 साल के दौरान जीवन के दूसरे क्षेत्रों में हम बहुत आगे बढ़े हैं, लेकिन पंचायतीराज के क्षेत्र में कुछ कमियां रह गई हैं। सत्ता की राजनीति और निजी स्वार्थो के कारण पंचायतीराज संस्थाओं की उपेक्षा हुई है। अफसरशाही का महत्व बढ़ता गया। पंचायतें और पालिकाएं अफसरशाही के सामने मजबूर होती गईं। नतीजा यह हुआ कि गांव और आम आदमी की आवाज दबने लगी है। उन्होंने कहा कि जब स्वर्गीय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने देशभर में दौरा किया और लोगों की जिंदगी को बदलने का संकल्प लिया। लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया और उसी का नतीजा रहा कि 1993 में केन्द्र सरकार ने पंचायतों को कानूनी हक दिया। इसमें महिलाओं को आरक्षण भी दिया गया। आज देशभर में 12 लाख से ज्यादा महिलाएं पंचायतीराज के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं। मुख्यमंत्री गहलोत की प्रशंसा:राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यहां के लोगों की दुख तकलीफों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पिछले 5 माह के कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। पिछली सरकार की लापरवाही की वजह से जो समस्याएं पैदा हुई थीं, उन्हें भी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।नागौर में पानी की समस्या दूर करे सरकारसोनिया ने कहा कि उन्हें मालूम है कि यहां पीने के पानी और बिजली की काफी समस्या है। तीन साल पहले जब वे यहां आई थीं तो पीने के पानी की समस्या के बारे में उन्होंने कुछ कहा था। अब अशोक गहलोत दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं तो उन्हें उम्मीद है कि वे इस तरफ जरूर ध्यान देंगे। यहां की और भी समस्याएं हैं उन्हें भी शीघ्र दूर किया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच पर ही घोषणा की कि नागौर की पेयजल योजना के प्रथम चरण का काम प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। दूसरे चरण का सर्वे भी शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। निजी स्वार्थो के कारण हुई पंचायतीराज संस्थाओं की उपेक्षा : सोनियाजीवन के दूसरे क्षेत्रों में हम आगे बढ़े हैं, लेकिन पंचायतीराज के क्षेत्र में कुछ कमियां रह गई हैं। राजनीति और निजी स्वार्थो के कारण पंचायतीराज संस्थाओं की उपेक्षा हुई है।जनता ने पांच माह पहले ही कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमों में विश्वास व्यक्त किया है। हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं को जनता के इस विश्वास पर खरा उतरना है।

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