लोकसभा के लिए प्रदेश से जाने वाले जनप्रतिनिधियों की औसत आयु 50 साल से ऊपर है। निर्णायकों की भूमिका निभाने वाले युवा मतदाताओं की मजबूरी है कि उनके सामने बुजुर्गो को चुनना ही विकल्प है। कैलाश जोशी और लक्ष्मीनारायण पांडे (भाजपा) तो 80 साल के हैं। भाजपा और कांग्रेस युवाओं को पार्टी से जोडने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं, लेकिन टिकट वितरण में दोनों दलों ने युवाओं को तकरीबन दरकिनार किया है। मप्र की सीटों पर किए गए आकलन में कांग्रेसी प्रत्याशियों की औसत आयु 52 वर्ष, जबकि भाजपा उम्मीदवारों की औसत उम्र 54 वर्ष है। प्रदेश के कुल वोटरों (3.80 करोड) में से 18 से 29 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 1.28 करोड है। अर्गल-अरूण सबसे युवा: भिंड से लोकसभा प्रत्याशी अशोक अर्गल भाजपा के सबसे युवा उम्मीदवार हैं। उनकी उम्र 39 वर्ष है। इसके बाद ज्योति धुर्वे 42 वर्ष की प्रत्याशी हैं। पचास वर्ष से कम के भाजपा में कुल 10 प्रत्याशी हैं। कांग्रेस में सबसे युवा उम्मीदवार खण्डवा से लोकसभा प्रत्याशी अरूण यादव (35 वर्ष) हैं।
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