संप्रग के बिखराव पर प्रसन्न हो रही भाजपा अपने घर में मचे घमासान को थामने में बेबस है। राजग के संयोजक रहे जार्ज फर्नाडीस को उनकी पार्टी जद (यू) ने मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से फिर लडाने से इनकार कर दिया तो भाजपा ने भी पल्ला झाड लिया। वर्षो पुराने संबंधों की दुहाई देते हुए जार्ज ने भरोसा जताया था कि वे निर्दलीय लडेंगे और भाजपा उनका साथ देगी परंतु वे गलत थे। पार्टी प्रवक्ता बलबीर पुंज ने दो-टूक कहा कि भाजपा का गठजोड जद (यू) के साथ है इसलिए पार्टी उसके प्रत्याशी का ही समर्थन करेगी। इधर, जद (यू) जार्ज पर नरम पडने को कतई तैयार नहीं। दिल्ली आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए सिरे से सफाई देते हुए कहा कि जद (यू) ने कभी भी जार्ज का टिकट नहीं काटा। उन्हें नहीं लडाने का फैसला सिर्फ खराब स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया। वे इस हाल में नहीं हैं कि लोकसभा चुनाव लड सकें।अगर जार्ज ने निर्दलीय लडने का दम भरा है तो इसके पीछे लालू की पार्टी राजद का हाथ है। राजद उन्हें उकसा रही है ताकि जद (यू) के चुनावी नतीजे प्रभावित हो सकें। भाजपा महासचिव और बिहार के प्रभारी अरूण जेटली जार्ज से सहानुभूति तो रखते हैं, लेकिन इस फैसले में वे नीतीश के साथ हैं। उन्होंने कहा कि लोग स्वार्थवश उन्हें बहका रहे हैं जबकि उन्हें राज्यसभा सांसद बनाने का आश्वासन दिया था।नीतीश ने केंद्र में आडवाणी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि जद (यू) की कांग्रेस से सांठ-गांठ की बात बेमानी है। उनकी पार्टी के लिए सिर्फ एक विकल्प है वह राजग। वामपंथी सांसद सीताराम येचुरी की जद (यू) अध्यक्ष और राजग के सह संयोजक शरद यादव से मुलाकात को गंभीरता से न लेते हुए उन्होंने कहा कि उनकी अक्सर मुलाकात होती है। जहां तक सवाल लालू-पासवान और मुलायम की दोस्ती का है तो लगातार लडने वाले साथ हो रहे हैं, यह तमाशा भी देख लीजिए। बिहार में बिखरा हुआ संप्रग राजग को कोई टक्कर नहीं दे सकेगा।इससे पहले भाजपा प्रवक्ता ने भी राजग की मजबूती का दावा करते हुए कहा कि लालू-पासवान-मुलायम के बाद आज पीएमके ने भी कांग्रेस से नाता तोड लिया जबकि भाजपा का सात राज्यों में गठजोड बरकरार है। चुनावी बेला में कांग्रेस का अलग-थलग पडना उसके नतीजों को प्रभावित करेगा।
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