राजस्थान की बची हुई सात सीटों पर जातिगत आधार पर प्रत्याशियों का चयन कांग्रेस के लिए आसान नहीं दिख रहा। बची सीटों में से दो आरक्षित हैं, बाकी पांच में से पार्टी को अभी कम से कम दो पर जाट, एक मुस्लिम, एक पर यादव को टिकट देना है। केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा के टिकट का फैसला और राज्य में कांग्रेस को समर्थन दे रहे किरोडीलाल मीणा को भी इन्हीं सीटों पर संतुष्ट करना है। सूत्रों की मानें तो अब इन सभी सीटों का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड दिया गया है। प्रदेश प्रभारी पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक के दिल्ली से बाहर होने के चलते घोषणा में देरी हो रही है।वासनिक को पार्टी ने इस बार महाराष्ट्र के रामटेक सुरक्षित से मैदान में उतारा है। टिकट मिलते ही वे अपने चुनाव क्षेत्र में रवाना हो गए। ऎसे संकेत हैं कि वे शुक्रवार तक वापस आएंगे।उनके आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष उनके साथ विचार विमर्श कर नामों को हरी झंडी दे देंगी। राजस्थान की दौसा, सवाईमाधोपुर -टोंक, कोटा, जयपुर ग्रामीण, सीकर, चूरू और करौली-धौलपुर का फैसला किया जाना है। जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार जाटों का दावा सीकर, चूरू और जयपुर ग्रामीण पर है। जाटों को नाराज करने का खतरा पार्टी लेने के मूड में नहीं है।ऎसा माना जा रहा है कि इनमें से दो पर जाट प्रत्याशियों को टिकट मिल सकता है। किरोडीलाल मीणा के साथ बात नहीं बनती है तो सवाईमाधोपुर से फिर किसी मुस्लिम को मौका दिया जा सकता है वरना फिर अन्यत्र सीट पर एडजस्ट किया जाएगा। इनमें सीकर का नाम लिया जा रहा है। दौसा से नमोनारायण मीणा के नाम की ही चर्चा है।तीन ब्राह्मणों को टिकट दिए जाने के बाद कोटा से किसी नए चेहरे को मौका दिए जाने के संकेत हैं। धौलपुर- करौली का फैसला भी मीणा के साथ जुडा है। बात बनती है तो ठीक वरना यहां से खिलाडी बैरवा का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है। यादव समुदाय के लिए जयपुर ग्रामीण ही सीट बच पा रही है। जाटों के दावे के साथ इस सीट पर मौजूदा सांसद करण सिंह यादव भी दावा कर रहे हैं। उनके समर्थन में यादव महासभा ने नेताओं से मिल उनकी पैरवी भी की है। पार्टी के सामने दो दुविधाएं हैं, एक तो मीणा को संतुष्ट करने की, दूसरी किस जाति को कहां फिट करे।
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