माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने देश में विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के असर पर रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा है कि मंदी से देश में संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के करीब एक करोड लोग अब तक नौकरी से हाथ धो बैठे हैं और विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 78 हजार 800 करोड रूपए वापस खींच लिए।पार्टी ने रिपोर्ट कार्ड में कहा है कि गत वर्ष अक्टूबर नवम्बर में कम से कम पांच लाख लोग छंटनीग्रस्त हुए। इस वर्ष जनवरी में एक लाख लोग बेरोजगार हुए। इसमें सर्वाधिक हीरे-जवाहरात, परिवहन तथा आटोमोबाइल एवं कपडा क्षेत्र के लोग हैं। केवल गुजरात से हीरा उद्योग के चार लाख 13 हजार लोग बेरोजगार हुए। रिपोर्ट कार्ड पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने जारी किया।घरेलू उत्पाद गिरकर 5.3 प्रतिशत रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि गत वर्ष अक्टूबर-दिसम्बर की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद गिरकर 5.3 प्रतिशत हो गया और कृषि एवं औद्योगिक निर्माण क्षेत्र में विकास दर में क्रमश: 2. 2 तथा 0. 2 प्रतिशत की गिरावट हुई। रिपोर्ट कार्ड में आरोप लगाया गया है कि आर्थिक मंदी से निपटने के लिए सरकार ने योजना खर्च में 20 हजार करोड रूपए की वृद्धि की थी जो सकल घरेलू उत्पाद का 0. 5 प्रतिशत थी।जबकि सऊदी अरब ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3. 3 प्रतिशत, चीन ने दो प्रतिशत, अमरीका ने 1. 9 प्रतिशत, रूस ने 1. 7 प्रतिशत, कनाडा ने 1. 5 प्रतिशत खर्च किए।
No comments:
Post a Comment