विदिशा से भाजपा उम्मीदवार और मध्यप्रदेश की चुनाव प्रभारी सुषमा स्वराज ने पार्टी के नेताओं को वरूण गांधी के जिक्र को पार्टी के खिलाफ मानते हुए इस मुद्दे पर बिलकुल चुप्पी साधने के निर्देश दिए हैं।यहां रविवार देर रात पार्टी की बैठक में सुषमा ने स्पष्ट कर दिया कि वरूण का मुद्दा प्रदेश में पार्टी का अहित कर सकता है। इसलिए उन्होंने मंचों से इस मुद्दे पर नहीं बोलने और इस पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से बचने के निर्देश पार्टी नेताओं को दिए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की और कहा कि वरूण के मामले का मध्यप्रदेश में पार्टी पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पडेगा।मध्यप्रदेश भाजपा वरूण गांधी मुद्दे से दूर रहेगी। नीति निर्धारण समिति की बैठक में राष्ट्रीय नेता व मध्यप्रदेश की चुनाव प्रभारी सुषमा स्वराज ने दो टूक लहजे में कहा कि इस मुद्दे पर बोलना-"आ बैल मुझे मार" जैसी स्थिति निर्मित कर देगा। रविवार की देर रात बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। सुषमा ने नेताओं को निर्देश दिए कि वे वरूण गांधी के मुद्दे पर चुप्पी साध लें। इस मसले पर मंच से बोलने से सीधे तौर पर भाजपा का नुकसान हो सकता है। सागर, भोपाल और विदिशा में दिक्कत आ सकती है। उन्होंने उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देने की सलाह दी। सुषमा ने उन्हें केंद्र की विफलता और शिवराज सिंह के काम जैसे अन्य कई मुद्दे जनता के बीच ले जाने के निर्देश भी दिए। सुषमा ने सुन्दरलाल पटवा, कैलाश सारंग सरीखे वरिष्ठ नेताओं से कहा है कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान बागियों पर नजर रखें व समय से पहले उन्हें बिठाएं। फिर भी बागी फार्म भर दे तो उसे वापस कराएं।उन्होंने कहा कि पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया जाए।संगठन महामंत्री रामलाल ने अधिकाधिक वोट लेने और सुनिश्चित करने के टिप्स बताए। उन्होंने यह भी कहा कि घोषणा-पत्र रामनवमी को जारी होगा। इसमें मध्यप्रदेश की भी योजनाएं शामिल है। उन्होंने नेताओं से कहा कि मप्र में जीत की संख्या 25 सीटों से कम न हो।
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