प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सीपी जोशी की मानें तो उनकी तरफ से पूरी तैयारी है। इंतजारी केंद्रीय चुनाव समिति से बुलावे की है। बुलावा आते ही पैनल सौंप दिए जाएंगे और आगे की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बाकी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। छानबीन समिति के अध्यक्ष का मामला हो या समिति की बैठक का, जोशी ने कहा कि इस बारे में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ही कुछ बता पाएगी। उधर केंद्रीय चुनाव समिति के सूत्रों का कहना है कि चतुर्वेदी के स्थान पर अभी किसी और को जिम्मेदारी नहीं दी गई है आज-कल में कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर यह औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि आधा दर्जन सीटों को लेकर मामला सुलझ नहीं रहा है जिसके चलते मामले में देरी हो रही है। राजस्थान को लेकर इसलिए भी जल्दी नहीं है कि वहां पर चुनाव 7 मई को होने हैं। दरअसल राजस्थान की गंभीरता को देख समिति के सभी सदस्यों ने चुप्पी साधी हुई है। बैठक हुई या नहीं हुई कोई कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। प्रदेश प्रभारी पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक का आलम यह है कि वे हमेशा की तरह इस बार भी चुप रहने में ही भलाई समझ रहे हैं। यहां तक कि दावेदारों से मिलने में भी वे कतरा रहे हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अधिकृत रूप से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जोधपुर हाउस में ठहरे गहलोत केन्द्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं से बारी- बारी से अलग मिलते हैं। जबकि दावेदारों से लॉन में ही मिलकर उन्हें भरोसा देते हैं। दावेदार व उनके समर्थक मुख्यमंत्री से मिलने के बाद जिंदाबाद की नारेबाजी करते देखे जा सकते हैं। राजस्थान की 25 सीटों को लेकर मुख्य रूप से प्रभारी वासनिक, मुख्यमंत्री गहलोत व प्रदेश अध्यक्ष जोशी ही बैठकें कर दो दिन से जूझ रहे हैं।
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