चुनाव मैदान में अपने दुश्मन नम्बर एक कांग्रेस को परास्त करने के लिए आक्रामक प्रचार अभियान छेड रही भाजपा ने भय हो शीर्षक से व्यंग्य भी तैयार किया है। कांग्रेसी गान जय हो की इस पैरोडी का फिल्मांकन रेलगाडी में गाकर आजीविका कमाने वाले बच्चों नागार्जुन, ब्रrोन्द्र और दुर्गा पर किया गया है। पहले ही इस टीवी कमर्शियल को दिखा चुके भाजपा रणनीतिकारों ने मंगलवार को तीनों बच्चों को मुख्यालय बुलाकर मीडिया के सामने ला खडा किया।संवाददाताओं से खचाखच भरे कमरे में इन्हें बुलाया गया तो इनके चेहरे पर हवाइयां उडने लगीं। पचासों कैमरों के सामने पहुंचकर ये थोडा घबराए लेकिन, कुछ ही पल में अहसास हो गया कि वे अब सामान्य नहीं रह गए बल्कि उनका रूतबा स्टार सरीखा हो गया है।इसके बाद उनके चेहरे से तनाव गायब हो गया और भोली सी मुस्कान खिल उठी। नागार्जुन ने हारमोनियम संभाला तो ब्रrोंद्र और दुर्गा ने खडताल व ढपली। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के पोस्टर के साथ खडे होकर तीनों ने ऎसा समां बांधा कि लोग दंग रह गए। मीडिया की तरफ से बार-बार फरमाइश हुई और बच्चों ने बार-बार पूरा किया।झिझक टूटी और घबराहट उडन छू हो गई। नन्हीं सी दुर्गा की मुश्किल यह थी कि वह कैमरे के फ्रेम से बाहर निकल जाती थी। फोटोग्राफरों ने आवाज लगाई तो सकुचाई सी बीच में आकर खडी हो गई। ये बच्चे शायद नहीं जानते थे कि उनके इस गाने से भाजपा को फायदा होगा या कांग्रेस को नुकसान लेकिन यह जरूर समझ गए थे कि जिंदगी उन्हें फुटपाथ से उठाकर एक खुशहाल मोड पर अवश्य ले आई है।भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अब इस टीवी कमर्शियल का पार्टी देश भर में इस्तेमाल कर सकेगी क्योंकि चुनाव आयोग से मंजूरी मिल गई है। भय हो के अलावा भाजपा ने रेडियो पर बजाए जा रहे काका हाथरसी के दो और व्यंग्य तैयार कराए हैं। एक में आंतरिक सुरक्षा का हवाला देकर आईपीएल मैच को देश से बाहर ले जाने पर मजबूर करने वाली सरकार पर हमला बोला गया है तो दूसरे में भी पोटा हटाने के संप्रग सरकार के फैसले को आधार बनाया गया है।
No comments:
Post a Comment