पूर्वोत्तर में चुनाव प्रचार के लिए सह संयोजक के रूप में प्रमोद महाजन के करीबी रहे सुधांशु मित्तल की नियुक्ति पर रूठे भाजपा महासचिव अरूण जेटली के मान जाने के संकेत मिले हैं। पार्टी के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार जेटली ने गुरूवार को अध्यक्ष राजनाथ सिंह के निवास पर चुनाव समिति की बैठक में भाग लिया। भाजपा को नए घटनाक्रम से बेहद राहत मिली है। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के चुनावी रथ के सारथी जेटली मित्तल की नियुक्ति को लेकर पार्टी अध्यक्ष से नाराज चल रहे थे। वकील राजनेता अरूण जेटली ने सुबह सिंह के निवास पर पहुंचकर दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, गुजरात व बिहार के प्रत्याशियों के नाम तय करने की कवायद में शिरकत की। उधर, जेटली के एक विश्वस्त ने दावा किया कि मित्तल का मामला अभी सुलझा नहीं है। भाजपा के चुनाव प्रचार प्रभारी जेटली ने मित्तल को हटाए जाने तक वे किसी चुनावी बैठक में भाग नहीं लेने की धमकी दी थी। दूसरी तरफ राजनाथ ने मित्तल से चुनाव रणनीति पर चर्चा करके जेटली को सख्त संदेश देने की कोशिश की थी। बताया जाता है कि असम में असम गण परिषद से तालमेल के पीछे मित्तल की प्रमुख भूमिका रही है।
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