Monday, March 23, 2009

कायम रहेगा विधायकों का दबदबा

कांग्रेस प्रत्याशी सचिन पायलट ने जिले के सभी विधायकों तथा हारे हुए प्रत्याशियों को भरोसा दिलाया है कि वे चुनाव जीतने के बाद विधायकों के क्षेत्र और कामकाज में दखल नहीं देंगे। बदले में सभी ने उन्हें चुनाव जिताने का भरोसा दिलाया। पायलट ने सोमवार को जयपुर में विधायक नाथूराम सिनोदिया के निवास पर लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने मुझे प्रत्याशी बनाया है। मुझे आप सब लोगों का सहयोग चाहिए। पायलट ने सभी को आश्वस्त किया कि मैं राजनीतिक दुर्भावना से काम करने नहीं आया।विधायकों को पूरी तरजीह मिलेगी। किसी तरह की दखलंदाजी नहीं होगी। कांग्रेस का लक्ष्य सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करना है। इसके लिए हमें जुटना होगा। बदले में सभी लोगों ने विश्वास दिलाया कि वे लोकसभा चुनाव में सहयोग करेंगे। बैठक में विधायक सिनोदिया, नसीम अख्तर इंसाफ, दूदू से बाबू लाल नागर, रघु शर्मा, महेंद्र सिंह गुर्जर तथा अजमेर शहर की दोनों सीटों से प्रत्याशी डॉ. श्रीगोपाल बाहेती तथा डॉ. राजकुमार जयपाल उपस्थित थे।हो गए गिले-शिकवे दूरविधायक निवास पर बैठक के बाद आठों लोग शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे। गहलोत ने पूछा, सब मिल लिए। हो गए गिले शिकवे दूर। सभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि गिले शिकवे थे ही नहीं। हम सब साथ हैं। पायलट को चुनाव जिताकर भेजेंगे। रामचंद्र नहीं आए बैठक में विधानसभा प्रतिनिधियों की बैठक में मसूदा से प्रत्याशी रहे डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी गैरहाजिर थे। देहात कांग्रेस अध्यक्ष नाथू राम सिनोदिया ने बताया कि मैंने उन्हें बुलवाया। उनके घर संदेश भेजा। विधायक रघु शर्मा ने भी उन्हें फोन किया। दूसरी ओर चौधरी ने कहा कि मुझे बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों के अनुसार चौधरी को बुलाने के कारण संसदीय सचिव ब्रrादेव कुमावत को बैठक में नहीं बुलाया गया था। हालांकि कुमावत पहले ही पायलट के पक्ष में समर्थन दे चुके हैं। भाजपा किसे उतारेगी!कांग्रेसियों की मुलाकात में भाजपा की ओर से संभावित प्रत्याशियों पर भी चर्चा हुई। कांग्रेसियों का मानना है कि भाजपा पूर्व मंत्री सांवर लाल जाट, भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामपाल जाट या जगदीप धनखड को उतार सकती है। पार्टी प्रचार की रणनीति प्रत्याशी सामने आने के बाद तय होगी। सिनोदिया होंगे चुनाव प्रभारी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर ली है। इसके लिए विधानसभा क्षेत्रवार तैयारी भी हो रही है। किशनगढ विधायक नाथूराम सिनोदिया वरिष्ठ होने के नाते चुनाव अभियान के प्रभारी होंगे। आठों विधानसभा क्षेत्रों में संबंधित विधायक या प्रत्याशी को कमान सौंपी जाएगी।



लोकसभा चुनाव में वरूण गांधी को उम्मीदवार नहीं बनाने की चुनाव आयोग की सलाह को सीधे तौर पर नामंजूर करते हुए पीलीभीत से उनकी उम्मीदवारी कायम रखने का ऎलान कर भाजपा ने साफ संकेत दे दिया कि वह वरूण से साथ है। वरूण को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर चली लम्बी मंत्रणा के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया। वरूण के लिए निर्वाचन आयोग के मशविरे को नकारते हुए भाजपा महासचिव अरूण जेटली ने दो टूक कहा कि आयोग सेंसर कर सकता है, लेकिन दबाव और सुझाव का अधिकार उसके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग को यह सुझाव देने से पहले चुनाव मैदान में खडे दागी प्रत्याशियों के बारे में भी सोचना चाहिए। जेटली ने कहा, वरूण के खिलाफ चल रही जांच पूरी होने से पहले आयोग कोई राय नहीं दे सकता। वरूण के भाषण को लेकर प्रियंका गांधी की टिप्पणी को पारिवारिक मामला बताते हुए जेटली ने कहा यह कहने से पहले सोचना चाहिए कि पारिवार से बडा देश है। वरूण पर आयोग का शिकंजा कसते ही भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के माथे पर बल पड गया। उनके भाषण से पल्ला झाड चुकी पार्टी को लगने लगा कि यदि अब भी कोई कदम नहीं उठाया गया तो मामला हाथ से चला जाएगा। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरूण जेटली आडवाणी के निवास पहुंचे।आपसी विचार-विमर्श के बाद भाजपा को वरूण के साथ खडे रहने में ही भलाई दिखी। पार्टी की राय लेकर बलवीर पुंज वरूण के घर पहुंचे। उसके बाद सारी तस्वीर साफ हो गई। पंुज ने कहा कि लोकतंत्र में यह अधिकार राजनीतिक दलों का है कि वे अपने उम्मीदवारों का चयन करें और इस बारे में सलाह देना आयोग का काम नहीं है।उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग की सिफारिश को स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का सामूहिक फैसला है। भाजपा ने यह सवाल भी उठाया कि विवादास्पद सीडी सही है या नहीं इसे आयोग कैसे तय कर सकता है। उसने कहा कि सीडी असली है या उसके साथ छेडछाड की गई यह तो अपराध विशेषज्ञ ही तय कर सकते हैं।

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