Sunday, March 15, 2009

घमासान जल्द खत्म होने के आसार नहीं

सुधांशु मित्तल को लेकर भाजपा की दूसरी पंक्ति का घमासान जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं। शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और महासचिव अरूण जेटली के बीच के इस मामलेे में न पडने का मन बनाया है। सूत्रों के अनुसार आडवाणी चाहते हैं कि दोनों पक्ष अपने-आप तनाव दूर कर लें किंतु राजनाथ और जेटली दोनों में से कोई भी फिलहाल झुकने को राजी नहीं दिख रहा। हालांकि आडवाणी ने सुबह वेंकैया को मित्तल का मन टटोलने का जिम्मा सौंपा जिसके बाद दोनों के बीच मुलाकात भी हुई, लेकिन नतीजा उल्टा रहा।वेंकैया ने मित्तल को उनकी नियुक्ति का फैसला यथावत रहने का आश्वासन दे डाला। इस बीच, राजनाथ ने किसी भी सूरत में निर्णय न पलटने के संकेत दिए तो जेटली ने गलत लोगों के खिलाफ आवाज उठाते रहने की बात कही।सूत्रों ने बताया कि दोनों ने अपनी बात पर अडते हुए यह भी कहा कि आपस में उनकी कोई दुश्मनी नहीं है। जेटली ने अतीत के हवाले से कहा कि वे पहले भी ऎसे लोगों पर भरोसा किए जाने का विरोध करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। आपराधिक छवि के डीपी यादव की सबसे जोरदार मुखालफत पार्टी में उन्होंने ही की थी। जहां तक सवाल राजनाथ सिंह से उनके निजी विरोध का है तो यह निराधार है। उधर, राजनाथ ने कहा कि मनमुटाव जैसी बातें निराधार हैं किंतु मित्तल की नियुक्ति सर्वसम्मति से हुई है जिसे अब नहीं बदला जा सकता। राजनाथ इसलिए भी झुकने को राजी नहीं क्योंकि संभवत: पहली बार जेटली के खिलाफ उन्हें दूसरी पंक्ति का भरपूर समर्थन मिला है। मुरली मनोहर जोशी से लेकर वेंकैया नायडू और सुषमा स्वराज तक सभी मित्तल की नियुक्ति पर जेटली के विरोध को गलत ठहरा रहे हैं।

No comments: