वरूण के जरिए भाजपा अब यूपी में अपना भविष्य संवारना चाहती है। रामजन्मभूमि मन्दिर के मुद्दे पर अब लोग इस पार्टी का भरोसा नहीं करते इसलिए पार्टी वरूण के पूरे मामले को अपने लिए सहारा मानकर चल रही है। पीलीभीत की सीजेएम अदालत में शनिवार को समर्पण के दौरान लोगों ने जो उग्र प्रदर्शन किया उससे यही बात साफ होती है। वरूण पर रासुका लगाने के विरोध में सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए। लखनऊ में कहीं पीलीभीत के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति न हो जाए, इसलिए प्रदेश भाजपा कार्यालय पर दिनभर पुलिस का घेरा बना रहा। मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कार्यालय परिसर में ही काली पटि्टयां बांधकर विरोध दिवस मनाया। यूपी के जिला मुख्यालयों पर मोर्चा कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए प्रदर्शन किया। इस तरह भाजपा वरूण प्रकरण को लोकसभा चुनाव के दौरान जीवंत रखना चाहती है। पीलीभीत के पिछले शनिवार के घटनाक्रम को लेकर पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी कलराज मिश्र एवं कुछ पूर्व विधायकों के खिलाफ भी मुकदमें दर्ज किए गए हैं।भाजपा इस मुकदमेबाजी से भी सहानुभूति बटोरना चाहती है। पार्टी का कहना है कि उसके नेताओं का उत्पीडन किया जा रहा है और उसके चुनावी कार्यक्रमों में बाधा डाली जा रही है। भाजपा को उम्मीद है कि वह इस प्रकरण के सहारे पीलीभीत और उसके आसपास की लोकसभा सीटों पर कब्जा कर सकती है। इस प्रकरण के जरिये प्रदेशभर में यह संदेश ठीक तरह से चला गया है कि वरूण गांधी ने हिन्दुत्व का मुद्दा ही उठाया है और किसी अन्य धर्म सम्प्रदाय के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। फिर भी उन्हें निशाने पर रखा जा रहा है।
1 comment:
sahi kaha aapne. bjp ka yahi chehra hai.
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