उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती समाजवादी पार्टी को उसी के गढ में ही मात देने की तैयारी में जुटी हैं। इसके लिए बसपा ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पुराने साथियों को उनके खिलाफ ही चुनावी मैदान में उतार दिया है। सपा के गढ माने जाने वाले इटावा, मैनपुरी और फर्रूखाबाद में बसपा ने इस बार कभी सपा में रहे नेताओं का प्रत्याशी बनाया है।हालांकि, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी छोडकर आए कल्याण सिंह के सहारे एटा, मैनपुरी, कन्नौज, बदायूं और फर्रूखाबाद क्षेत्र में पिछडा वर्ग के वोट जुटाने की जुगत में लगे हैं। इन क्षेत्रों में चौथे चरण में आगामी सात मई को चुनाव होना है जिसकी अधिसूचना आगामी 11 अप्रेल को जारी होगी। मैनपुरी से यादव के खिलाफ बसपा ने विनय शाक्य को मैदान में उतारा है जो कभी सपा में थे। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में विधानसभा अध्यक्ष के पद तक पहुंचने वाले और बाद में राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बने धनीराम वर्मा भी बसपा में शामिल हो गए है। बसपा ने उनके पुत्र महेश चन्द्र वर्मा को कन्नौज सीट से यादव के पुत्र अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव में उतार दिया है। एटा सीट से कल्याण सिंह निर्दलीय प्रत्याशी होंगे और उन्हें सपा का समर्थन होगा लेकिन बसपा ने उनके सामने भी सपा के बागी सांसद देवेन्द्र यादव को उम्मीदवार बनाया है।बसपा प्रमुख मायावती ने कभी मुलायम सिंह यादव के खास रहे नरेश अग्रवाल को सपा के चन्द्र भूषण सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है। मलिहाबाद सीट से सपा के विधायक गौरी शंकर को मायावती ने इटावा (सुरक्षित) सीट से प्रत्याशी बनाया है। गौरी शंकर भी सपा अध्यक्ष के काफी करीबी रहे हैं। कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले डी.पी.यादव बदायूं सीट से बसपा प्रत्याशी हैं। आपराधिक रिकार्ड वाले मुलायम के एक और करीबी अरूण शंकर शुक्ला इस बार बसपा के टिकट पर सपा उम्मीदवार दीपक कुमार को उन्नाव सीट से चुनौती दे रहे हैं।
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