राजग के घटक दल जद (यू) प्रमुख शरद यादव के बाद भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार लालकृष्ण आडवाणी ने भी रविवार को स्विस बैंकों में जमा कालेधन का मुद्दा उठा दिया। आडवाणी ने वादा किया कि बेनामी स्विस खातों में जमा भारतीयों के 25 लाख करोड रूपये का कालाधन भारत लाया जाएगा। आडवाणी ने इन खातेदारों के नाम उजागर किए जाने की मांग की। भाजपा मुख्यालय पर रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में आडवाणी ने कहा कि आर्थिक मंदी के दौर में अमरीका ने स्विस बैंकों से अपने नागरिकों के खातों का खुलासा करने को कहा है। पीएम मनमोहन सिंह को भी लन्दन में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशों में जमा कालेधन का मसला उठाना चाहिए। सरकार ने टालाआडवाणी ने कहा कि उन्होंने जर्मनी में पिछले साल इस बारे में आग्र्रह किया था और प्रधानमंत्री को भी लिखा था। भाजपा नेता ने बताया कि बाद में वित्तमंत्री की ओर से इस मुद्दे पर मिले पत्र में सवाल को टालने की कोशिश की गई। बोले- एक अनुमान के मुताबिक स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों के 500 से 1400 अरब डॉलर तक जमा हैं। आडवाणी ने दावा किया कि इस पैसे को भ्रष्टाचार, अपराध और आतंककारी गतिविधियों के जरिए जुटाया गया है। बोले- अगर यह पैसा आ जाए तो देश का सारा अभाव और पिछडापन दूर किया जा सकता है। साथ ही आडवाणी ने कहा कि वे चुनाव आयोग से उम्मीदवारों को अपने विदेशी खाते उजागर करना अनिवार्य बनाने का आग्रह करेंगे। एक चैनल से इन्टरव्यू में आडवाणी ने पार्टी के उम्मीदवारों से भाषणों में संयम बरतने के लिए कहा है। वरूण पर चुनाव आयोग के सुझाव को लेकर अप्रसन्नता जाहिर की। उग्र हिन्दुत्व के सवाल पर बोले- मीडिया अपने हिसाब से बातों को तोड-मरोड कर पेश कर रही है। कहा, आम चुनाव के बाद तेदेपा और बीजद राजग में लौटेंगे।
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