प्रधानमंत्री पद के लिए राजग के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने बेटी को बोझ न समझने की अपील करते हुए वादा किया कि केंद्र में उनकी सरकार बनी तो मध्य प्रदेश की तर्ज पर पूरे देश में लाडली लक्ष्मी योजना लागू की जाएगी। सामाजिक सुरक्षा वाली इस योजना के तहत बेटी पैदा होते ही सरकार उसके नाम बचत प्रमाणपत्र खरीदती है और, ऎसा इंतजाम किया जाता है ताकि अठारह वर्ष की आयु होने तक युवती के नाम लगभग एक लाख अठारह हजार रूपये जमा हो जाएं। आडवाणी शनिवार को दिल्ली के व्यापारी सतीश जैन के परिवार से मिलने गए जिसने गत18 मार्च को गरीबी से छुटकारा पाने के लिए सामूहिक आत्महत्या की कोशिश की थी। जैन दंपत्ति की पांच बेटियां हैं। चंद्र नगर निवासी पैंतालिस वर्षीय जैन व्यवसायी हैं किंतु बीमारी के कारण वे परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हो गए थे। उनकी पत्नी सरिता सिलाई-कढाई का काम कर सात सदस्यों वाले परिवार का पेट किसी तरह पाल रही थीं। कर्ज का बोझ बढता जा रहा था जिससे तंग होकर पूरे परिवार ने मौत को गले लगाने का निर्णय किया। सतीश-सरिता ने खुद भी जहरीला पदार्थ खाया और पांचों बेटियों को भी खिला दिया लेकिन, किसी तरह सबको बचा लिया गया। राजधानी में इस दर्दनाक हादसे ने भाजपा नेता को हिलाकर रख दिया और, वे उनका दुख बांटने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। आडवाणी ने अफसोस जताते हुए कहा कि संप्रग सरकार के राज में कर्ज के कारण किसानों की आत्महत्या की खबरें लगातार मिलती रहीं किंतु दिल्ली में एक परिवार इसके लिए मजबूर होगा यह कल्पना से परे की बात है। उन्होंने आरक्षण नीति के बारे में कहा कि इसीलिए भाजपा सभी वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने पर जोर देती रही है। सतीश जैन परिवार के मामले ने पार्टी की सोच को पुख्ता किया है। पीडित परिवार के घर भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर और सुधींद्र कुलकर्णी भी गए थे।
No comments:
Post a Comment