पीलीभीत से पार्टी उम्मीदवार बनाए गए वरूण गांधी से बुधवार तक किनारा काटने वाली भाजपा ने गुरूवार को उनके मामले की काट में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान किदवई के भडकाऊ भाषण की सीडी जारी कर दी। पार्टी प्रवक्ता बलबीर पुंज ने किदवई के 15 मार्च को चंडीगढ में दिए गए भाषण को सांप्रदायिक करार देते हुए कहा कि उस सभा में केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहसिना किदवई भी मौजूद थीं। जामा मस्जिद से लगे सेक्टर बीस में किदवई का धर्म के आधार पर वोट मांगना अपने-आप में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करेगी। कांग्रेसी पदाधिकारी के भाषण को शब्दश: जारी करते हुए पुंज ने स्पष्ट किया कि इसे वरूण गांधी के मामले से कतई न जोडें। यह साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाडने वाली वोट बैंक की ओछी राजनीति का मामला है जिसे कतई अनदेखा नहीं किया जा सकता। बात बहुत अहम है। बहुत से मुद्दे हैं हमारे और आपके सामने, हम बहुत हक से आपके पास आते हैं और कांग्रेस के समर्थन के लिए कहते हैं। हिंदुस्तान के मुसलमानों से हमारा काफी पुराना रिश्ता है। हिंदुस्तान के मुसलमानों के साथ ऎसा रिश्ता है, ऎसा नाता है जिसे कोई नेता तोड नहीं सकता, कोई पार्टी तोड नहीं सकती। कांग्रेस पार्टी के साथ मुसलमान नहीं जुडा होता तो आज हिंदुस्तान आजाद नहीं होता। आगे किदवई कहते हैं कि अगर मैं मुफ्ती होता तो सिर्फ एक फतवा देता कि मुसलमान को भाजपा के साथ जाना कुफ्र के बराबर है और मैं यह साबित कर सकता हूं, फिर भी क्या वजह है कि हम उनके साथ जाते हैं। हमें इसकी गहराई में जाना पडेगा। कौम को बेचने के लिए कहीं जाना ठीक नहीं है। कांग्रेस पर्सनल लॉ नहीं बदलने देगी जो हमारा ईमान है, पर्सनल लॉ हमारी शरियत है, उसमें जो परिवर्तन न करने की बात करता है वह हमारे ईमान को बचाता है। इस पर कडी टिप्पणी करते पुंज ने कहा कि खुले आम सांप्रदायिक भाषण देते किदवई अकेले कांग्रेसी नहीं हैं। वे वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा भर हैं, जो तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां जमकर कर रही हैं।
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