केन्द्रीय सत्ता से दूरी बनाकर चलने वाली माकपा को अब अपनी गलती का अहसास हो गया है। तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की संभावना को देखते हुए पार्टी ने उसमें हिस्सेदारी का संकेत देकर साफ कर दिया है कि उसने 1996 की भूल को सुधारने का मन बना लिया है। माकपा को भरोसा है कि पिछले दो माह की मेहनत से जिस तरह नौ दलों को जोडा जा चुका है चुनाव बाद ताकतवर बनकर उभरने वाले तीसके विकल्प की तरफ कई दल खुद-ब-खुद खिंचे चले आएंगे। माकपा महासचिव प्रकाश कारत ने सोमवार को पार्टी का घोषणा-पत्र जारी करते हुए संप्रग और राजग सरकारों को कठघरे में खडा किया, वहीं दावा किया कि तीसरे मोर्चे की सरकार बनी तो वह ऎसा न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाएगी जिसमें समग्र भारत के विकास का खाका होगा। कारत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत में गैरभाजपा-गैरकांग्रेस तीसरा विकल्प चुनाव बाद ही बना है इसलिए चुनाव पूर्व हम किसी मोर्चे की बात नहीं कर रहे, तीसरी शक्ति कैसी होगी यह देश के चुनाव नतीजे बताएंगे। कारत ने उन सभी शंकाओं के समाधान की कोशिश की जो तीसरे विकल्प को लेकर उठ रहे हैं। उसके आकार-प्रकार, विचार, सहयोगी दलों की विश्वसनीयता और सरकार बनी तो कैसी होगी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय दलों ने भाजपा के साथ अवसरवादी गठजोड किए हैं, लेकिन भाजपा के साथ अपने कटु अनुभव से सबक लेकर उसे छोड रहे हैं। इसके लिए उन्होंने तेलुगुदेशम और बीजू जनता दल के उदाहरण दिए और कहा कि टीडीपी पिछले दो साल से राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में उनके साथ है। कंधमाल हमले के बाद बीजू जनता दल से भी सबक ले लिया है। भाजपा और कांग्रेस की तरफ से तीसरे विकल्प को नकारे जाने के सवाल पर चुटकी लेते हुए कारत बोले कि चुनाव नतीजा आने दीजिए तीसरे विकल्प का महत्व सबकी समझ में आ जाएगा। सरकार में शामिल होने के सवाल पर कारत का रूख पहली बार नरम दिखा। उन्होंने कहा कि यदि तीसरे मोर्चे की सरकार बनी तो उसमें शामिल होने या नहीं होने का निर्णय केन्द्रीय समिति करेगी। लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को जारी घोषणा पत्र में माकपा ने संप्रग-राजग से बेहतर सुशासन देने का वादा किया है। पार्टी ने सत्ता में आने के बाद जहां परमाणु करार की समीक्षा की बात कही है, वहीं अमरीका के साथ हुए सैन्य समझौते को रद्द कर देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता रोजी, रोटी, दलित- अल्पसंख्यकों के हित की सुरक्षा के साथ देश का समग्र विकास करना होगा। उन्होंने कहा कि हम स्वतंत्र विदेश नीति लाकर देश की गुटनिरपेक्ष छवि को बनाने का काम करेंगे।
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