Monday, March 30, 2009

वैचारिक राजनीति का दौर नहीं रहा

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को बडी संख्या में वकीलों को अपनी पार्टी में शामिल करते हुए कहा कि मौजूदा समय में वैचारिक राजनीति का दौर नहीं रहा है। इसकी जगह भ्रष्ट, चापलूस और दलालों ने ले ली है। मुलायम ने इस सैद्धान्तिक बात के जरिए प्रदेश की बसपा सरकार की ओर इशारा किया और वकीलों से अपील की कि वे परिवर्तन के वाहक बने। यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में वकीलों की सभा को सम्बोघित करते हुए मुलायम ने कहा कि वकीलों ने आजादी की लडाई लडी है। इस सिलसिले में उन्होंने पं. मोती लाल नेहरू के स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि राजनीति अब धन व चापलूसी पर निर्भर हो गयी है।ऎसे दौर में राजनीति के प्रति वकीलों की उदासीनता ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वे माकपा पर बडा भरोसा करते थे, लेकिन उसने बसपा जैसी पार्टी से समझौता कर लिया। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य सत्य का साथ और अन्याय के खिलाफ संघष्ाü का है। उन्होंने बसपा सरकार पर सीधे प्रहार किए। इससे पहले सपा ने शामिल हुए वकीलों ने मुलायम सिंह और सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का स्वागत किया। इसके अलावा समाजवादी पार्टी अघिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र भाटिया का भी स्वागत किया गया। वीरेन्द्र भाटिया और वकील विशाल दीक्षित के नेतृत्व में ही समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। "रक्षा मंत्री न बनता तो लोग मुझे गवई ही समझते" सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह ने यहां सोमवार को कहा कि यदि वे रक्षा मंत्री न बनते तो उन्हें लोग गवई ही समझते रहते। मुलायम ने कहा कि रक्षा मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने कहा था कि भारत एक शांतिप्रिय और मानवतावादी देश है। लेकिन यदि युद्ध थोपा गया तो वह पाकिस्तान की जमीन पर होगा। इसके बाद ही शहरी लोगों ने उनका सम्मान किया। मुलायम ने कहा कि रक्षा मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार किए।

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