लोकसभा चुनाव में वरूण गांधी को उम्मीदवार नहीं बनाने की चुनाव आयोग की सलाह को सीधे तौर पर नामंजूर करते हुए पीलीभीत से उनकी उम्मीदवारी कायम रखने का ऎलान कर भाजपा ने साफ संकेत दे दिया कि वह वरूण से साथ है। वरूण को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर चली लम्बी मंत्रणा के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया। वरूण के लिए निर्वाचन आयोग के मशविरे को नकारते हुए भाजपा महासचिव अरूण जेटली ने दो टूक कहा कि आयोग सेंसर कर सकता है, लेकिन दबाव और सुझाव का अधिकार उसके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग को यह सुझाव देने से पहले चुनाव मैदान में खडे दागी प्रत्याशियों के बारे में भी सोचना चाहिए। जेटली ने कहा, वरूण के खिलाफ चल रही जांच पूरी होने से पहले आयोग कोई राय नहीं दे सकता। वरूण के भाषण को लेकर प्रियंका गांधी की टिप्पणी को पारिवारिक मामला बताते हुए जेटली ने कहा यह कहने से पहले सोचना चाहिए कि पारिवार से बडा देश है। वरूण पर आयोग का शिकंजा कसते ही भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के माथे पर बल पड गया। उनके भाषण से पल्ला झाड चुकी पार्टी को लगने लगा कि यदि अब भी कोई कदम नहीं उठाया गया तो मामला हाथ से चला जाएगा। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरूण जेटली आडवाणी के निवास पहुंचे।आपसी विचार-विमर्श के बाद भाजपा को वरूण के साथ खडे रहने में ही भलाई दिखी। पार्टी की राय लेकर बलवीर पुंज वरूण के घर पहुंचे। उसके बाद सारी तस्वीर साफ हो गई। पंुज ने कहा कि लोकतंत्र में यह अधिकार राजनीतिक दलों का है कि वे अपने उम्मीदवारों का चयन करें और इस बारे में सलाह देना आयोग का काम नहीं है।उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग की सिफारिश को स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का सामूहिक फैसला है। भाजपा ने यह सवाल भी उठाया कि विवादास्पद सीडी सही है या नहीं इसे आयोग कैसे तय कर सकता है। उसने कहा कि सीडी असली है या उसके साथ छेडछाड की गई यह तो अपराध विशेषज्ञ ही तय कर सकते हैं।
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