भाजपा आलाकमान ने यदि पश्चिमी दिल्ली से प्रत्याशी बदलने पर विचार नहीं किया और प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार नहीं बनाया तो जाट समुदाय लोकसभा चुनाव में पार्टी का बहिष्कार करेगा। प्रवेश वर्मा के समर्थन में रविवार को द्वारका सेक्टर-10 में हुई जाटों की महापंचायत में यह फैसला लिया गया। इस महापंचायत में दिल्ली के 350 गांवों के ग्रामीण शामिल हुए। महापंचायत में यह भी चर्चा रही कि यदि प्रवेश को भाजपा से टिकट नहीं मिलता है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। हालांकि प्रवेश ने इससे इनकार कर दिया। उधर, प्रवेश के समर्थन में भाजपा ने 12 पार्षदों और दो विधायकों के इस्तीफा देने की भी खबर है। दिवंगत भाजपा नेता साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। पार्टी ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन भी दिया था लेकिन टिकट बंटवारे में उनका नाम काट दिया गया और उनकी जगह जगदीश मुखी को टिकट दे दिया गया। पार्टी के इस कदम से प्रवेश वर्मा काफी निराश हैं और उनके समर्थकों में भी काफी गुस्सा है। समर्थकों ने लालकृष्ण आडवाणी के घर प्रदर्शन भी किया था लेकिन पार्टी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इससे गुस्साए जाट समुदाय ने रविवार को महापंचायत बुलाई और भाजपा को अपना फैसला बदलने के लिए 27 मार्च तक का समय दिया है। महापंचायत सुबह लगभग 10 शुरू हुई और दोपहार एक बजे तक चली। इसमें 11 सदस्य समिति बनाने पर सहमति बनी, जिसमें सभी खापों के प्रधान शामिल होंगे। यह समिति पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं से मुकालात कर निर्णय बदलने का दबाव डालेगी। यदि भाजपा निर्णय नहीं बदलती है तो 27 मार्च के बाद दोबारा महापंचायत हो सकती है।उधर, ऐसी अटकलें भी तेज हैं कि प्रवेश वर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि प्रवेश वर्मा का कहना है कि वह पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं, सिर्फ अपनी बात रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले दो वर्षों से पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में कार्य कर रहे है। ऐन मौके पर पार्टी ने उनसे दक्षिण दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने को कहा था, जबकि उनका कहना था कि वहां से उसे चुनाव लड़ाया जाए तो वहां से कार्य कर रहा है अथवा चुनाव जीत सकता है। वहीं, प्रवेश के समर्थन में भाजपा के 12 पार्षदों ने महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे उदय सिंह को अपने इस्तीफे सौंपते हुए उन्हें यह अधिकार दिया कि यदि भाजपा नेतृत्व अपना फैसला नहीं बदलता है तो उनके इस्तीफे मेयर आरती मेहरा को सौंप दिए जाएं। निगम पार्षद कुलदीप डागर ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस्तीफा दिया है। उनके अलावा पार्षद मास्टर आजाद सिंह, राजेश गहलोट, राकेश कुमार, राजपाल नंबरदार, मोहन सिंह मोना, सुशीला देवी, ईश्वर सिंह छिकारा, नारायण ंिसंह, जय भगवान सिंह यादव सहित अन्य 12 पार्षदों ने भी त्यागपत्र दिया है। उधर, रिठाला से भाजपा विधायक कुलवंत राणा और मुंडका से विधायक मनोज शौकीन के भी इस्तीफे सौंपने की खबर थी लेकिन दोनों ने इसका खंडन कर दिया।
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