हिमाचल प्रदेश में चिन्नी तहसील के निवासियों ने आजाद भारत के इतिहास में सबसे पहले मतदान किया था। यहां के मतदाताओं को जनवरी 1952 में हुए देश के पहले आम चुनाव से तीन महीने पहले ही वोट डालने का अवसर मिल गया था क्योंकि इसके बाद सर्दियों की बर्फबारी के कारण यह घाटी शेष दुनिया से कट जाया करती थी।चिन्नी तहसील के गांवों का नाता तिब्बत के पंचेम लामा से था। चुनाव रिकार्डो से पता चलता है कि चिन्नी के ग्रामीणों ने इस मतदान को उत्सव की तरह मनाया था। सन 1952 के चुनावों की रिपोर्टो से यह भी पता चला है कि पहले आम चुनाव में जनता और राजनीतिज्ञ दोनों ने ही अमन और कानून के पालन की प्रवृत्ति का परिचय दिया था। दिलचस्प मामले सामने आएपहले आम चुनाव में मतदान प्रक्रिया से जुडे 1250 मामले सामने आए थे और इनमें भी 100 मामले ऎसे थे जिनमें मतदान बूथ के आसपास प्रचार करने के दिलचस्प मामले थे। इन मामलों में गायों पर पार्टी का चुनाव चिन्ह पेंट कर उन्हें मतदान केंद्रों के आसपास छोड दिया गया था। इस आम चुनाव में फर्जी मतदान के 817 मामले तथा मतपत्र बाहर लेकर 106 मामले सामने आए थे। इन चुनावों में कांग्रेस ने 489 संसदीय सीटों में से 364 सीटें जीत लीं और राज्य विधानसभाओं की 3280 सीटों में से 2247 सीटों पर विजय हासिल की।
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