फौलादी बाजू, अटल इरादे, दिल में गूंजे देशराग। मजबूत नेता निर्णायक सरकार के नारे को इस गीत से पंच देकर टीम आडवाणी मतदाता के बुझे दिल में उम्मीद की किरण जगाएगी। जल्द ही कांग्रेस के जय हो और धिनक-धिन धाक-हाथ जैसे हिट गानों के मुकाबले सधे-सटीक और चुटीले बोल वाले भाजपाई कमर्शियल टीवी पर गूंजने लगेंगे। कहीं कोई कसर न रह जाए इसके लिए पार्टी रणनीतिकारों ने टीवी कमर्शियल को रूपसिंह राठौड और शान जैसे लोकप्रिय गायकों की आवाज में रिकार्ड कराया है। तीन थीमों को केंद्र में रखकर तैयार किए गए इस प्रचार अभियान में केंद्र की संप्रग सरकार की नाकामियों का ब्योरा और उस पर हमला तो है ही, अटल की छाया में बढते आडवाणी के जीतने पर सुनहरे कल का वादा भी है।मतदाता की नब्ज पहचानने के लिए भाजपा ने जितने भी सर्वे कराए सत्ता विरोधी लहर सामने आई। साथ ही मनमोहन सरकार के पांच साल के कामकाज को लेकर भारी निराशा भी दिखाई दी।बस इसे ही पकडकर भाजपा ने सुनहरे कल को थीम बना लिया और तय किया गया कि कुछ ऎसी बात कही जाए जिसमें निराशा का अंधेरा छांटने और बेहतर भविष्य के लिए उम्मीद जगाने का माद्दा हो। माथाप“ाी के बाद गीत के बोल कुछ इस प्रकार बनाए गए-दिशाएं नहीं अब दिशा चाहिए, हवाएं नहीं अब हवा चाहिए, दर्द नहीं खुशियों की झनकार चाहिए, हर चेहरा मुस्कुराए ऎसी सरकार चाहिए, निडर नेता चुनेंगे हम- फैसलों में जिसके हो दम।दूसरी थीम कांग्रेसी सरकार की नाकामियों को हाइलाइट कर उनका समाधान सुझाना रखा गया। इसके लिए जो कमर्शियल बना उसके बोल हैं-उम्मीद सो गई है जगाए चलो, कुछ ख्वाब खो गए हैं पा जाए चलो, जो सोचा था वो देश है खो गया-ढूंढ लाए चलो, निडर नेता चुनेंगे हम फैसलों में जिसके हो दम। चुनाव प्रबंधन टीम के प्रमुख सदस्य सिद्धार्थ नाथ सिंह के अनुसार, तीसरी थीम टीम आडवाणी पर केंद्रित है।
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