भाजपा की राष्ट्रीय नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि मध्यप्रदेश उनका आखिरी पडाव है। विदिश उनका स्थायी ठिकाना होगा और भविष्य में वे सभी लोकसभा चुनाव यहीं से लडेंगी। भोपाल स्थित निवास पर शुक्रवार को प्रेस से बातचीत में सुषमा ने कहा कि वे न तो अब बेल्लारी जाएंगी, न हरियाणा और न ही दिल्ली। वे अपने चुनावी जीवन में बहुत घूम चुकी हैं। मप्र की राजनीति में सक्रियता पर उन्होंने दोहराया कि वे न विधानसभा चुनाव लडेंगी और न ही उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। सुषमा ने दावा किया कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और झारखंड में भाजपा पिछले आमचुनावों से ज्यादा सीटें जीतेगी। इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए तीन नई क्षेत्रीय पार्टियां इंडियन नेशनल लोकदल, असमगढ परिषद और राष्ट्रीय लोकदल से भी सीटों की संख्या बढेगी। लालकृष्ण आडवाणी और राजग फैक्टर दोनों इस बार फायदा देंगे। छोटे दलों का बडी पार्टियों से मोह भंग होने के प्रश्न पर सुषमा ने कहा कि इससे सबसे बडा नुकसान केन्द्र की संप्रग सरकार को है।एक सवाल के जवाब में सुषमा ने यह भी दोहराया कि वे प्रधानमंत्री पद की होड में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में आडवाणी सबसे वरिष्ठ नेता हैं और वही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। संप्रग के घटक दल रोज टूट रहे हैं। घटक दल का हर नेता प्रधानमंत्री बनना चाहता है। यूपीए का नाम तो "असीमित प्रधानमंत्री गठबंधन" (अनलिमिटेड प्राइममिनिस्टर एलायंस) होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का "जय हो" नारा नहीं चलेगा। संप्रग सरकार के पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल की असफलता कांग्रेस को ले डूबेगी। आम चुनाव में तीसरे मोर्चे के असर पर उन्होंने कहा कि यह तो अभी जन्म ही नहीं ले पा रहा है। कभी मायावती तो कभी जयललिता इसे पंक्चर कर देती हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह के मसले पर उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान उन्हें समझा देगा। वरूण गांधी के मुस्लिम विरोधी तथाकथित भडकाऊ भाषण के बारे में पूछे जाने पर सुषमा स्वराज ने कहा कि वरूण ने वरिष्ठ नेताओं को बताया है कि उनके बयान के आधे हिस्से को मीडिया ने तोड-मरोडकर दिखाया है। यदि मीडिया सही है तो वे भी वरूण से असहमत हैं।
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