भाजपा ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों से भरे गान "जय" हो की काट में उसकी नाकामियां गिनाने वाली पैरोडी "भय हो" तैयार कराई है। कापीराइट व चुनाव आयोग की अनुमति जैसे झंझटों से बचने के लिए विपक्षी पार्टी आधिकारिक रूप से फिलहाल इस रचना से खुद को अलग रखे हुए है। उसका कहना है कि हैदराबाद से एक समर्थक ने पार्टी के पक्ष में प्रचार के लिए साठ सैकेंड का टीवी कमर्शियल भेजा है। इसके बोल इतने दमदार हैं कि सुनने वाला प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता लिहाजा चुनावी सभाओं में इसे बजाने का मन बनाया गया है। आगे की रणनीति पार्टी प्रबंधन समिति में चर्चा के बाद तय की जाएगी। भाजपा प्रवक्ता व अरूण जेटली की चुनाव प्रबंधन टीम के सदस्य सिद्धार्थ नाथ सिंह की मौजूदगी में आज पार्टी मुख्यालय में मीडिया को कांग्रेस के जय हो की पैरोडी सुनाई गई। शुरूआत टे्रन के एक कंपार्टमेंट से होती है जिसमें चार-पांच यात्री बैठे हैं। उनके बगल में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे हारमोनियम पर भय हो गीत गा रहे हैं जिसके बोल हैं भय हो, भय हो, भय हो....फिर भी जय हो। आजा आजा वोटर इस झांसे के तले... आजा आजा झूठे मूठे वादे के तले....भय हो। सिद्धार्थ नाथ से पत्रकारों ने जानना चाहा कि इसे तैयार कराने में कितनी लागत आई! जवाब मिला कि कोई जानकारी नहीं क्योंकि चुनाव मैदान में इस्तेमाल कर सकने लायक सामग्रियां निरंतर समर्थकों की तरफ से भेजी जा रही हैं। यह कमर्शियल भी इसी तरह उनके पास पहुंचा। इसमें निहित व्यंग्य को देखकर पार्टी ने इस्तेमाल का निर्णय किया है।इसे पहले चुनाव प्रबंधन समिति के सामने रखा जाएगा। वहां हरी झंडी मिली तो देखेंगे कि किस तरह आदर्श आचार संहिता के दायरे में रहते हुए इसे चलाया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो एकाध दिन के अंदर इन बच्चों को भी यहां बुलाकर सबसे बात कराई जाएगी। लेकिन, मीडिया को कमर्शियल दिखाने से पहले इन औपचारिकताओं को पूरा करना जरूरी न थाक् इस पर कहा गया कि पैरोडी के लिए ऎसी कोई बाध्यता नहीं है।ऎसा होता तो बहुत से फिल्मी संगीतकार-गायक इसकी जद में घेरे जाएंगे जो आए दिन इधर-उधर से गीतों की कापी करते हैं। इस बीच सूत्रों ने बताया कि इस गीत को तैयार करने वाले और कोई नहीं बल्कि निशीथ शरण हैं जिनकी कंपनी यूटोपिया भाजपा नेताओं की फिल्म- टीवी कमर्शियल बना रही है।
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