समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने यहां शनिवार को बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा है कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। राजनीतिक विरोघियों के खिलाफ गुण्डा, गैंगेस्टर और अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अघिनियम के फर्जी मुकदमें थोप कर उन्हें जेलों में डाला जा रहा है। प्रस्ताव में कहा गया है कि इस हालत के मद्देनजर इन कानूनों की समीक्षा की जरूरत है। इस राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि एक ओर राजनीतिक विरोघियों के साथ ऎसा सलूक किया जा रहा है तो दूसरी ओर अपराघियों को पुलिस संरक्षण दिया जा रहा है। छात्रों का दमन भी इसी तरह किया गया। प्रस्ताव में पार्टी ने कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियों की तरह ही जातिवादी शक्तियां भी खतरनाक होती है इसलिए इस लोकसभा चुनाव में जातिवादी शक्तियों का पूरी तरह से सफाया करने का संकल्प किया गया है। राष्ट्रीय सवालों पर समाजवादी पार्टी सहयोगी दलों के विचारों का आदर करेगी, लेकिन यह देखना जरूरी होगा कि प्रदेश की सत्ता पर काबिज पार्टी अपने प्रत्याशियों से किस तरह धन वसूली कर रही है। आखिर में यह पैसा जनता की जेब से ही वसूला जा रहा है। प्रस्ताव में भारतीय जनता पार्टी को देश तोडा और कांग्रेस को महंगाई जैसी समस्या का समाधान निकाल पाने में नाकाम बताया गया और जनता से फैसला किया गया कि लोकसभा चुनाव में अपने विवेक से फैसला करे। पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की गई है कि वे टिकट न मिलने से निराश न हो और सभी शिकायतें भुलाकर पार्टी के प्रत्याशियों को जिताये ताकि आने वाले समय जनता के सरोकार पूरे किया जा सके। प्रस्ताव में कांग्रेस के रूख की आलोचना करते हुए कहा गया है कि उसने हमारी जीती हुई लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं फिर भी समाजवादी पार्टी मित्रभाव से चुनाव लडकर गठबन्धन के रिश्ते को बनाए रखेगी।
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