Monday, March 23, 2009

बैनरों की चमक-दमक है और न ही नारों की गूंज

उतरप्रदेश में लोकसभा चुनाव का प्रचार चुनाव आयोग के अंकुशों के चलते न तो झण्डे, बैनरों की चमक-दमक है और न ही नारों की गूंज सुनाई देती है। प्रदेश में पांच चरणों के तहत लोकसभा चुनाव के पहले चरण की अघिसूचना सोमवार को जारी किए जाने तक भी यही माहौल था। समाचार माध्यमों को यदि न देखा जाए तो पता ही नहीं चलता कि चुनाव प्रक्रिया किस तरह से आगे बढ रही है।अलबत्ता बसपा नेता मायावती ने रविवार को देवरिया में चुनाव सभा को सम्बोघित कर अपने अभियान का श्री गणेश किया और केन्द्र की सत्ता पाने पर यूपी का विशेष्ा विकास करने एवं अलग पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड राज्य गठित करने का वादा किया। उधर सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को मैनपुरी में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद विशाल सभा को सम्बोघित करते हुए यूपी में 45 लोकसभा सीटों का लक्ष्य घोçष्ात किया।जनसम्पर्क पर ज्यादा जोरराजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग की बंदिशों की यथासम्भव अनुपालना करते हुए जनसम्पर्क पर ही अघिक जोर दिया है और यह त्योहारी शैली में किया जा रहा है। हाल में बीते पर्व होली का भी चुनावी जनसम्पर्क के लिए भरपूर इस्तेमाल किया गया। यह सिलसिला अभी जारी है। दलों के प्रत्याशी और उनके समर्थक होली मिलन समारोह में अपना प्रचार भी कर रहे हैं। कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के साथ सीट बंटवारे का विरोध किया था। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व यह मान रहा था कि प्रदेश में पार्टी का संगठनात्मक ढांचा चुनाव लडने के लिए मजबूत नहीं है। अब सपा से समझौता न होने की स्थिति में पार्टी को मजबूत प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। भाजपा भी कमोबेश इसी हालत का शिकार है। इन सभी दलों के मजबूत नेता बसपा में शामिल हो गए हैं और ज्यादातर टिकट भी पा गए हैं।

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