मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बर (ब्यावर) में शुक्रवार को हुई आम सभा में ब्यावर से कार्यकर्ताओं को अघिक संख्या में ले जाने का दावा खोखला साबित हो गया। कार्यकर्ताओं के एकत्र नहीं होने के कारण कुछ बसें तो निर्घारित स्थानों से हिली तक नहीं, जबकि कई बसें आधी खाली ही बर पहुंच गई।ग्यारह बसों को बर ले जाने की पूर्व घोषणा करने वाले ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. एस.सी. जैन घनश्याम वर्मा सहित कुछ नेताओं के साथ 3 बजे से पहले ही कार से बर चले गए, जबकि तीन बसें सवा तीन बजे तक सेन्दडा रोड, चांग गेट पर खडी रहीं। उनमें कार्यकर्ताओं का अभाव दिखा। इन बसों में कुछ कार्यकर्ता ही सवार थे। हेडा क्लिनिक के पास खडी बस में तो एक भी कार्यकर्ता सवार नहीं हुआ।चांग गेट से सुप्रभ आर्य के नेतृत्व में रवाना हुई बस में भी आधी सीटें खाली थीं। सेन्दडा रोड पर कांग्रेस नेता घनश्याम बल्दुआ भी अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ बर जाने की तैयारी में थे, लेकिन उन्हें भी निजी वाहन से अकेले ही बर जाना पडा। सेवादल एवं ओबीसी प्रकोष्ठ कार्यकर्ताओं को लेकर गई बसों में भी कई सीटें खाली देखी गईं। देलवाडा सरपंच पप्पू काठात तथा पार्षद हारून मोहम्मद के नेतृत्व में अंत में रवाना हुई बसों में हालांकि कार्यकर्ता सवार थे, लेकिन वे भी अघिक लोगों को बर ले जाने में असमर्थ रहे।गौरतलब है कि राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी गोपालसिंह ईडवा के समर्थन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शुक्रवार शाम 3 बजे आम सभा थी। इसमें अघिक भीड जुटाने के लिए ब्लॉक कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को 11 बसों में बर ले जाने की व्यवस्था की घोषणा की थी।
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