राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा जवाब दे कि राज्य के ऊपर कर्जा क्यों बढा! उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने सत्ता सौंपी थी उस समय करीब 48 हजार करोड का कर्जा था और जब सत्ता मिली तो भाजपा ने 82 हजार करोड का कर्जा चढा दिया। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस को तो लगातार चार साल अकाल से जूझना पडा तब कर्ज के हालात पैदा हुए। जबकि भाजपा के नेता स्वयं दावा करते हैं कि उनका राज-काज शानदार तो फिर यह नौबत क्यों आई! यहीं नहीं संप्रग सरकार ने भी बिना भेदभाव के राजस्थान को जमकर केंद्रीय सहायता दी इसके बाद भी राज्य को कर्ज में डुबो दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय कुप्रबंधन के चलते राज्य की यह हालत हुई है और भाजपा के नेताओं ने हमेशा इसे छिपाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि नरेगा योजना में ही केंद्र ने राज्य को 6 हजार करोड की सहायता दी, जो राज्य के बजट के 40 प्रतिशत के बराबर आती है। इसके अलावा केंद्र की नीतियों के चलते राज्यों का कर राजस्व शानदार ढंग से बढा इसके बाद भी राज्य को पिछली सरकार ने कर्जे में डुबो दिया।गहलोत ने कहा, कर्जा तो उनका प्रमुख मुद्दा होगा ही, इसके साथ संप्रग सरकार के पिछली पांच साल में जन हित में किए फैसले कांग्रेस के मुद्दे होंगे। नरेगा योजना तो मुद्दा है ही, साथ ही किसानों के कर्जा माफी, सूचना का अधिकार, परमाणु करार जिससे कि गांव में किसानों को बिजली मिलेगी, को भी कांग्रेस जोर शोर से जनता को बताएगी। उन्होंने कहा उनकी सरकार की तरफ से अभी आम आदमी को हर तरह से राहत पहुंचाने की कोशिश की गई। जनता को लगे कि उनकी सरकार का राज चल रहा है। गहलोत ने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। जनता का ध्यान बांटने के लिए वह धर्म की राजनीति कर रही है। राजस्थान की जनता भाजपा के इन हथकंडों को समझ चुकी है इसलिए उसके बहकावे में नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से है। बाकी किसी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है।
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