Sunday, April 5, 2009

जसवंत सिंह को नोटिस

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और दार्जिलिग लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार जसवंत सिंह को बेटे मानवेंद्र की चुनावी सभा में नोट बांटना महंगा पड गया है। वोट के लिए नोट बांटने के इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने शनिवार को जसवंत çंसंह के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। हालांकि जसवंत इस मामले में पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिलकर अपनी सफाई दे चुके हैं। उनका तर्क है कि वे बाडमेर से प्रत्याशी नहीं हैं और नोट बांटने में कोई बुराई नहीं। गरीबों की मदद करना उनके क्षेत्र और परिवार दोनों की परंपरा रही है। अब जबकि आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है, भाजपा भी अपने स्तर पर जवाब की तैयारी में जुट गई है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि आयोग का यह काम है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने पर कोई शिकायत आए तो नोटिस जारी करे। भाजपा के किसी भी नेता को या पार्टी को जब भी नोटिस भेजा गया, समय रहते जवाब भी दिया गया। जसवंत सिंह को नोटिस दिया है तो पार्टी भी माकूल उत्तर देगी। जो भी वास्तविकता है उससे आयोग को अवगत कराया जाएगा। कुछ छिपाएंगे नहीं किंतु उनका एक सवाल आयोग से भी है। वे याद दिलाना चाहते हैं कि हाल में कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष इमरान किदवई को भी आयोग ने भडकाऊ भाषणबाजी की शिकायत पर नोटिस जारी किया था।भाजपा जानना चाहती है कि किदवई ने जवाब दिया या नहीं। अगर नहीं तो आयोग उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करने वाला है। बाडमेर जिला कलक्टर ने जसवंत सिंह पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आयोग को रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में भाजपा नेता पर अपने बेटे और भाजपा प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह की चुनावी सभा के दौरान पैसा बांटने, एकत्रित भीड को भोजन के पैकेट बंटवाने और हैंडपंप लगाने का वादा करने संबंधी आरोप लगाए गए हैं।

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