यू.पी., बिहार और झारखण्ड की 134 लोकसभा सीटों को टारगेट बनाकर एकजुट हुए लालू, मुलायम और पासवान शुक्रवार को यहां एक साथ बैठे। इरादा मिलकर चुनाव अभियान छेडने का था। इससे पहले मीडिया से रूबरू हुए तीनों नेताओं ने कहा कि बिखराव के कडवे अनुभवों ने उन्हें एकजुट किया है। अब वे एकजुट बने रहने का संकल्प लेते हैं। इन नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव ही उनका निशाना नहीं बल्कि कमजोर वर्गो के लिए संघष्ाü के सवाल पर एकजुट बने रहना है। तीनों ने भाजपा, माकपा और बहुजन समाज पार्टी की नेता एवं प्रधानमंत्री पद की दावेदार मायावती पर निशाना साधा।तीनों ने कहा कि तीसरे मोर्चे से उनका कुछ भी लेनादेना नहीं है। वे यूपीए के साथ हैं और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद के यूपीए के उम्मीदवार हैं। इस मौके पर यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान बनारस, सैफई, लखनऊ समेत चार जगह रैलियां करने और महाराष्ट्र में मुम्बई व बिहार में पटना में रैली आयोजित करने का ऎलान किया गया। शेष्ा रैली स्थलों और इनकी तिथियों की घोष्ाणा बाद में की जाएगी।समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में तीनों नेताओं ने बारी-बारी से पत्रकारों को सम्बोघित किया। तीनों ने एक-दूसरे को देश का बडा नेता बताया। मुलायम सिंह यादव ने मेजबान के रूप में लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान का स्वागत करते हुए कहा कि राजनीति में परिवर्तन के लिए कभी मिलकर और कभी अलग-अलग संघष्ाü किया है। बिखराव के कटु अनुभव देखकर अब मिलकर काम करने का संकल्प किया है। उन्होंने कहा कि अकेला लोकसभा चुनाव नहीं बल्कि कमजोर वर्गो के लिए संघष्ाü का सवाल है। मायावती सरकार द्वारा 18,700 जवानों की बर्खास्तगी के खिलाफ संघष्ाü करना है। उन्होंने कहा कि यह अवसरवादी, पूंजीवादी शक्तियों के खिलाफ लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी यह एकजुटता बनी रहेगी।लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हम लखनऊ एकता प्रदर्शित करने आए हैं और यह महाभारत की शुरूआत है। फिरकापरस्त ताकतों से देश की एकता और अखण्डता की रक्षा करना है। मुलायम सिंह यादव ने इसीलिए बगैर सरकार में शामिल हुए समर्थन देकर यूपीए सरकार को बचाया। अब एकजुट लडाई का संकल्प लिया गया है। लालू ने कहा कि हम माकपा नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के समय से साथ हैं। उन्होंने कहा कि मायावती भाजपा के साथ घालमेल करती हैं और अब आश्चर्य है कि सीपीएम उनके साथ जा खडी हुई है। उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे से उनका कुछ भी लेना-देना नहीं है। चुनाव के बाद केन्द्र में यूपीए की सरकार बनेगी और प्रधानमंत्री मनमोेहन सिंह होंगे। लालू ने चुटकी लेते हुए कहा कि लालकृष्ण आडवाणी की कुण्डली में प्रधानमंत्री का पद नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए से ममता बनर्जी, फारूक अब्दुल्ला, नवीन पटनायक, चन्द्रबाबू नायडू, जयललिता, फर्नाडीस निकल गए हैं।हमारी एकजुटता से कई लोगों की नींद हराम हुई है। फिरकापरस्त निराश है। केन्द्र में यूपीए की सरकार बनना पक्का है। उन्होंने कहा कि हम अर्जुन की तरह आंख पर नजर लगाए हैं। लालू ने कहा कि वरूण गांधी को भाजपा और मायावती ने मिलीभगत से शह दी है। देश का गृहमंत्री यदि मैं होता तो इन्हें सबक सिखा देता। लालू ने कहा कि यूपी और बिहार में इस चुनाव के दौरान चार-चार बडी रैलियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह चौथा या पांचवां मोर्चा नहीं है हम सभी यूपीए के अंग हैं और देश को उजडने नहीं देना चाहते है। लालू ने कहा कि कांग्रेस बडी पार्टी है, लेकिन वहां कई मुंशी और मैनेजर ऎसे है जो उस पार्टी और यूपीए को तोडना चाहते हैं।
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