प्रधानमंत्री पद पर राजग उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी अबकि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इसी पर अमल करते नजर आ रहे हैं। धुआंधार जनसभाओं और आक्रामक प्रचार अभियान के बीच उन्होंने वक्त निकालकर देश भर के एक हजार धर्मगुरूओं को पत्र लिखा और, वादों की पोटली खोलते हुए उनका आशीर्वाद मांगा। जिन्हें पत्र भेजा गया है उनमें बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर प्रसाद, मौलाना वहीउद्दीन, आर्च बिशप भी शामिल हैं। आशय स्पष्ट है कि राजग की सरकार बनी तो देश में सर्वधर्म समभाव का वातावरण कायम होगा। किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी। सभी मतों-धर्मो-संप्रदाय के तीर्थस्थलों का समुचित विकास होगा और गंभीर विषयों को हल करने के लिए धर्म गुरूओं से सलाह ली जाएगी।पत्र में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जिक्र तो नहीं है लेकिन जिन गंभीर विषयों और चुनौतियों से निबटने के लिए उचित सलाहकार संरचना बनाने की बात की गई है उसका आशय स्पष्ट है। धर्मगुरूओं को संबोधित करते आडवाणी ने वादा किया है कि राजग को जनादेश मिला तो राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि मानने और आम आदमी की उन्नति के लिए काम करने वाली एक ईमानदार-भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाना उनका पहला लक्ष्य होगा।सुशासन, विकास और सुरक्षा उनकी सरकार का संकल्प होगा। उनकी कोशिश होगी कि देश में कायम निराशा का वातावरण समाप्त हो और लोगों के मन में आशा और विश्वास जगे। पंद्रहवी लोकसभा के चुनाव की तैयारी में जुटे राजग को धर्मगुरूओं का आशीर्वाद चाहिए। भारत एक धर्मनिष्ठ देश है। यहां लोगों का धर्म में अटूट विश्वास है। वे अपने जीवन के हर निर्णय से पहले धर्म गुरूओं से परामर्श जरूर करते हैं। इसकी वजह यह है कि धर्म ने सदा उन्हें सही दिशा दी और समाज का कल्याण किया। आप सभी भली-भांति जानते हैं कि देश इन दिनों सीमापार से आतंकवाद, बांग्लादेशी घुसपैठियों, पडोसी देशों में अस्थिर राजनीतिक परिस्थितियों से जूझ रहा है। भारत विरोधी ताकतें चारों ओर सिर उठा रही हैं।उन्हें भरोसा है कि मौजूदा समय की इन गंभीर चुनौतियों से निबटने और निराशा का माहौल खत्म करने में धार्मिक-आध्यात्मिक गुरू महती भूमिका निभाएंगे। राजग की योजनाएं घोषणापत्र के रूप में देश के सामने आएंगी लेकिन आपको इस पत्र के माध्यम से कुछ आश्वासन दूंगा जो धार्मिक संस्थानों से संबंधित हैं। इसके बाद वादों का पिटारा खोलते आडवाणी ने लिखा है कि तीर्थस्थलों का विकास और सौंदर्यीकरण के लिए राष्ट्रीय संस्था बनाई जाएगी जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री स्वयं करेंगे, अमरनाथ विवाद जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे, रामसेतु की रक्षा की जाएगी, गंगा व अन्य नदियों की सफाई को प्राथमिकता देंगे, गाय व गोवंश की रक्षा होगी, धार्मिक पर्यटन को भरपूर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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